
आदिबासि कुड़मि समाज, गम्हरिया प्रखंड महिला समिति और उत्तमडीह गांव महिला समिति की देखरेख में उत्तमडीह गांव की बच्चियों ने नदी घाट से पांच दिनिआ जाउआ उठान कर नवसृजन और भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक महान प्राकृतिक महापरब करम परब का आयोजन किया। बच्चियों ने उपवास रहकर नदी में स्नान किया एवं नदी से हथेली पर बालू उठाकर जाउआ डाला में रखा। फिर उसमें कुरथी, मूंग, बिरहि, राहड़, मकई, चना, मटर, रोमहा, सरसों आदि बोकर जाउआ पाता किया। उसे सर में ढोकर खाली पैर पैदल चलते हुए रास्ते में पांच बार डहअरे जाउआ बेड़हा किया। भादर एकादशी के दिन करम डाइर सेंउरन तक प्रत्येक सुबह और शाम जाउआ डाला के संग जाउआ गीत गाकर जाउआ बेड़हा किया जाएगा। अगले दिन करम डाइर और जाउआ डाला का भासान कर एवं उसके बाद पारना कर करम परब का समापन होगा। इसके पूर्व बहनों द्वारा भाइयों को आपोन कोरोम भाइएक धोरोम के तहत जाउआ फूल-पत्तियों की रक्षा सूत्र भी बांधी जाएगी।