
झिलिंग गोंडा में पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ बाहा पर्व मनाया जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह सरायकेला के भाजपा विधायक चंपाई सोरेन अपने पैतृक गांव झिलिंग गोंडा में
जाहेरथान पहुंचकर आदिवासी वेशभूषा धारण कर प्रकृति के देवता की पूजा अर्चना की और अपने क्षेत्र के लोगों की खुशहाली की कामना की
इस मौके पर चंपाई सोरेन ने कहा कि बाहा पर्व में आदिवासी समुदाय के प्रकृति के देवता मरांगबुरू, जाहेर आयो, लिटा मोणे और तुरूईको के प्रति अपनी श्रद्धा और आभार प्रकट करते हैं. विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करते हैं समाज के लोग अपने पारंपरिक पुजारी नायके बाबा और माझी बाबा के मार्गदर्शन में सृष्टिकर्ता के प्रति अपनी श्रद्धा का प्रकट करते हैं उन्होंने यह भी कहा कि
बाहा पर्व में वे अपने आराध्य देवी-देवताओं को उनका प्रिय फूल सारजोम बाहा (सखुआ फूल) और मातकोम गेल (महुआ फूल) भेंट करते हैं. उन्होंने कहा किया पर्व लोगों को एक दूसरे से जोड़ता है इस पर्व में हमें प्रकृति के महत्व का पता चलता है .
23 मार्च से संथाल के पावन धरती से होगा बांग्लादेशी घुसपैठ के खुलाफ़उलगुलान
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने ये भी कहा कि एक बार फिर झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण के मुद्दे को उठाया जाएगा कहा कि 23 मार्च शहीद दिवस के दिन संथाल की पावन धरती से ये धर्मांतरण और बांग्लादेशी घुसपैठ के विरुद्ध उलगुलान करेंगे.