
आदिम सारना धरम जाहेरगाढ़ समिति पिंड्राबेड़ा
की ओर से दिशोम बाहा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. आदिम सारना धरम जाहेरगाढ़ पिंड्राबेड़ा में आदिवासी परंपरा व रीति रिवाज से साथ सखुआ और महुआ का फूल मारांग बुरु, जाहेर आयो, मोड़े को, तुरुय को, लिटा गोसांई आदि ईष्ट देवताओं की पूजा अर्चना की गई. समाज में सुख-समृद्धि, पर्यावरण के संरक्षण, समय पर वर्षा, समाज में रोग एवं महामारी से मुक्ति, आपसी भाईचारा का बढ़ावा आदि की कामना की गई. बाहा पर्व के दौरान नायके बाबा एवं समस्त ग्रामीणों ने बड़ी श्रद्धा से जाहेरथान में पूजा पाठ संपन्न किया। बाहा पर्व के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पारंपरिक ढोल नगाड़ों के साथ नाच गान करते हुए पर्व को मनाया। मौके पर मुख्यरूप से आदिम सारना धरम जाहेरगाढ़ के मुख्य सलाहकार संग्राम मार्डी ने
बताया गया की पूजा के अंतिम दिन बाहा सेंदरा से पहाड़ों के देवी देवताओं की पूजा की जाती है और पहाड़ में सेंदरा खेलने जाते है जिसको बाहा बोंगा विसर्जन के नाम से जाना जाता है वही मौके पर मुख्यरूप से
नायके बाबा, सुनील मार्डी, कालीचरण हांसदा, सूराय बेसरा, राजू हेंब्रम, कालीचरण टुडू, सौमाय मार्डी, प्रकाश टुडू, कुशल मार्डी, मार्शल मार्डी , दामोदर मार्डी, वैजयंती टुडू, राधी मार्डी, संजोती मार्डी, मुखी टुडू, सरिता टुडू, मनीषा टुडू, सुनीता टुडू, कंचन मार्डी, कालीपद सरदार, शत्रुघ्न लोहार, गोरखा बेसरा, अविनाश, पुधनी हांसदा, सोमनाथ टुडू, , सुरेश टुडू उपस्थित थे