
लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद मिले झारखंड अलग राज्य के शहीदों के आश्रित आज भी सम्मान की आस लगाए बैठे हैं। झारखंड आंदोलनकारियों को भी सम्मान के लिए एक बार फिर कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ रहा है.

राज्य में बने झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग से भी आंदोलनकारी काफी आहत हैं। उनकी ओर से भी आंदोलनकारियों की पहचान की गति काफी धीमी है। आयोग की ओर से 27 जनवरी 2020 को सरायकेला-खरसावां समेत कई जिलों के उपायुक्त को पत्र लिखकर आंदोलनकारियों की औपबंधिक सूची को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने एवं प्रचार प्रसार का निर्देश दिया गया था।
275 में 14 को ही मिला सम्मान
आंदोलनकारी झामुमो नेता महेश्वर महतो ने बताया कि झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में गम्हरिया एवं आदित्यपुर क्षेत्र ने अग्रणी भूमिका अदा की थी। इस क्षेत्र से 275 आंदोलनकारियों की सूची जारी की गई थी। किन्तु अभी तक मात्र 14 लोगों को ही चिन्हित कर उन्हें पेंशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। बताया कि इससे पूर्व कई बार आयोग से चिन्हित कर सुविधा प्रदान करने की गुहार लगायी गई परंतु कोई फायदा नहीं हुआ है। इससे आंदोलनकारियों में रोष है।
आयोग के वर्तमान अध्यक्ष से उम्मीद
झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग के अध्यक्ष से आंदोलनकारियों को काफी उम्मीदें थी। किंतु अभी तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महतो ने बताया कि झामुमो जिलाध्यक्ष के माध्यम से आयोग को पुनः आवेदन भेजा गया है। उन्होंने इस मामले को लेकर शीघ्र आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर ज्ञापन सौंप आंदोलनकारियों के दर्द से अवगत कराएंगे।