आदित्यपुर नगर निगम में बैठे भ्रष्ट सिटी मैनेजरों की वजह से जनता त्राहिमाम कर रही है। इसका जीता जागता उदाहरण सोमवार को उस समय सामने आया जब अपर नगर आयुक्त द्वारा वार्ड 27 में रेलवे की जमीन पर सरकारी बोरिंग की आड़ में चल रहे वॉशिंग सेंटर के जांच का आदेश दिया। करीब दो घंटे तक सिटी मैनेजरों की टीम उक्त स्थल तक पहुंचने के लिए तरह- तरह के बहाने बनाते रहे। उनमें से एक सिटी मैनेजर अजय कुमार ने स्थानीय पार्षद को सूचना लीक कर दी। जबतक सिटी मैनेजर लिभांशु कुमार एवं रितेश कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचते उससे पूर्व ही आनन- फानन में वाशिंग सेंटर को बंद कर दिया गया। जांच में पहुंचे सिटी मैनेजर रितेश कुमार ने बताया कि फिलहाल वाशिंग सेंटर के पास सरकारी बोरिंग का संचालन अपने हाथों में लिया जा रहा है। समिति के सदस्यों से बात कर पूरी जानकारी ली जाएगी।

हालांकि उन्होंने कहा फिलहाल वॉशिंग सेंटर के सरकारी बोरिंग से संचालित होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसकी जांच की जा रही है। प्रमाण मिलने पर वॉशिंग सेंटर को सील कर दिया जाएगा। उधर सूचना पर पहुंचे पार्षद पांडी मुखी ने बताया कि यह सेंटर उनका है और सेंटर का सरकारी बोरिंग से कोई लेना- देना नहीं है। वाशिंग सेंटर के संचालन के सवाल पर उन्होंने सीधे तौर पर इंकार करते हुए कहा कि सेंटर में पानी कहां से आता है यह बताने के लिए मैं बाध्य नहीं हूं। ऐसे में अहम सवाल यह उठता है कि आखिर सैकड़ों गाड़ियां जिस वाशिंग सेंटर में प्रतिदिन धुलती है, वहां पानी कहां से आता है। इधर,आदित्यपुर नगर निगम में 2 साल से जमे सिटी मैनेजरों एवं कर्मियों के तबादले की मांग जोर पकड़ने लगी है। नगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रमेश कुमार बलमुचू ने जल्द ही इस संबंध में नगर विकास विभाग के सचिव को पत्र लिख कार्रवाई करने की मांग करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि आदित्यपुर नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। जन समस्याओं के मुद्दे पर फोन करने पर कोई रिस्पांस नहीं देते। यहां तक की सीधे मुंह बात भी नहीं करते। उन्होंने कहा कि सभी सिटी मैनेजर जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सभी के संपत्ति की जांच होनी चाहिए।