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झारखंड की कला, संस्कृति एवं धर्म का प्रतीक है करमा : पद्मश्री छुटनी महतो,आप भी देखें:VIDEO

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पद्मश्री छुटनी महतो

कांड्रा । झारखंड लोक कला सांस्कृतिक मंच की ओर से कांड्रा एसकेजी क्लब में करमा महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में पद्मश्री छूटनी महतो ने कहा

कि कर्मा पर्व झारखंड की कला, संस्कृति एवं धर्म का प्रतीक है। अपनी कला संस्कृति को बचाकर रखने की जरूरत है। सम्मानित अतिथि के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के ने कहा कि

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के

करमा पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दौरान करम महोत्सव के उपलक्ष पर उड़ीसा बारिपदा मयूरभंज की प्रसिद्ध झूमर गायिका बिंदु रानी महतो व उनकी टीम ने एक से बढ़कर एक नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।

वहीं मंच का संचालन सचिव सह समाजसेवी राम महतो ने किया बताते चले की राम महतो क्षेत्र में सामाजिक कार्यो के प्रति हमेशा तत्पर रहते हैं इससे पहले सुबह करम डाल गाड़ इष्टदेव की पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की

गयी।‌ वही मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री छूटनी महतो,समाजसेवी हरमोहन महतो, वही सम्मानित अतिथियों में मुख्य रूप से कृष्णा बास्के ,राम दास टुडू,राजेश भगत,लाल बाबू महतो,देवी लाल टुडू,पूर्व मुखिया मनोहर महतो,अजित सेन, विश्वनाथ सिंह सरदार वही करमा महोत्सव को सफल बनाने में कमेटी के मुख्य संरक्षक पूर्व ज़िप सदस्य सुधीर चंद्र महतो सचिव राम महतो, विनय महतो, राजकिशोर महतो, रंजीत महतो, राजेंद्र महतो, निशी महतो, अखिलेश महतो, भरत महतो, बलराम महतो समेत काफी संख्या में समाज के महिला, पुरुष एवं बच्चे का योगदान रहा।

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