
शिबू कुमार झा से सनी बनी आदित्यपुर की ट्रांसवूमन को बचपन से ही दोस्तों, करीबियों, पड़ोसियों, सम्बंधियों द्वारा चिढ़ाने, अपमानजनक टिप्पणी, भद्दे कमेंट्स और शारीरिक प्रताड़ना ने इतना झकझोर दिया था कि उसकी बचपन अवसाद की स्थिति में आ गया था। सनी ने उसे चुनौती के रुप में लिया और उसी अपमान ने उसे इतना सशक्त बना दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी उसने गवर्नमेंट मिडिल स्कूल आदित्यपुर से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी कर ली। आगे का जीवन अंधकारमय था, किंतु टाटा स्टील लॉग प्रोडक्ट्स के सीएसआर विभाग से सम्पर्क होने के बाद उसकी किस्मत ने करवट ली और आज सनी प्रतिमाह इतनी आय उपार्जन कर लेती है कि वो अब स्वतंत्र और खुशहाल जीवन गुजार सकती है।