
सरायकेला-खरसावां, झारखंड:ओलचिकी हूल बैसी संगठन द्वारा अपने चार सूत्री मांगों को लेकर आज मंगलवार को झारखंड बंद का आह्वान किया है झारखंड बंद का गम्हरिया व कांड्रा में असर देखने को मिला. इस दौरान कांड्रा मोड़ टोल प्लाजा -कांड्रा -सरायकेला चौका मुख्यमार्ग में वाहनों की लंबी कतार लग गयी.हूल बैसी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को 12 घंटे का संपूर्ण झारखंड बंद बुलाया.


मंगलवार सुबह ही हूल बैसी कार्यकर्ता बंद कराने सड़कों पर उतरे. उन्होंने गम्हरिया उषा मोड़ और कांड्रा मोड़ टोल प्लाजा के समीप जगह-जगह जाम कर दिया जिसकी वजह से घंटो आवागमन बाधित रहा। समर्थकों ने कांड्रा सरायकेला चौका मुख्यमार्ग को बंद कर दिया। इसके लिए बीच सड़क पर बांस से सड़क की बैरिकेडिंग कर दी साथ ही हूल बैसी कार्यकर्ता बीच सड़क पर ही बैठ गाए .
मांझी बाबा बुधु किस्कू ने कहा कि बंद पूरी तरह सफल है। लोग बंद का समर्थन कर रहे हैं

उन्होंने कहा जब तक सरकार हमारे संवैधानिक मांगों पर उचित विचार करते हुए मांगों को पूरा करने की दिशा में काम नहीं करती है तबतक आंदोलन जारी रहेगा। भविष्य में समाज के द्वारा और भी उग्र आंदोलन के लिए रणनीति तय की जाएगी।

इसीलिए सरकार से निवेदन है कि हमारी मांग संथाली भाषा को ओलचिकी लिपि से पठन-पाठन सामग्री तैयार करे और प्राथमिक स्तर से पढाई चालू करे। इसके साथ ही ओलचिकी पढ़ाने के लिए शिक्षकों की बहाली हो, संथाली भाषा, संस्कृति, ओलचिकी लिपि का प्रचार प्रसार संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संथाली एकेडमी का गठन हो, संथाली भाषा को झारखंड में प्रथम राज्य भाषा का दर्जा दिया जाए.

पारंपरिक परिधानों और उपकरणों के साथ सड़क पर उतरें

अपनी मांगों को लेकर संताली पारंपरिक औजारों के साथ सड़क पर उतरे. इस अवसर पर मांझी बाबा बुधु किस्कू,गणेश टुडू,तुसाल सोरेन,होपना बेसरा, शंभू टू डू, त्रिभुवन बेसरा, राजेश मांझी, मनसा मुर्मू, पिंकी सोरेन, रीना मुर्मू, राधा-कृष्ण हांसदा, संगीता किस्कू. गंगाधर टुडू आदि बड़ी संख्या में अपने पारंपरिक वेशभूषा और पारंपरिक वाद्य यंत्र के साथ उपस्थित थे.
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बाइट:मनसा मुर्मू
बाइट-: शंभू टूडू
बाइट-: लक्ष्मी मुर्मू
बाइट-:एस0किस्कू