
आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 2 अंतर्गत भुरकाडीह तालाब में जहरीले पानी से हजारों मछलियां मर गई। इससे मछली पालन कर रहे मत्स्यजीवी किसानों को बड़ा झटका लगा है और उनमें मायूसी छा गई है। मत्स्यजीवी किसान फूलचंद सिंह सरदार ने बताया कि करीब पांच लाख से ज्यादा की मछलियां मृत पाई गई है। उन्होंने बताया कि भुरकाडीह तालाब में श्रीपुरम सोसायटी का प्रदूषित पानी बहाया जाता है। साथ ही तालाब के इर्द- गिर्द बसे अन्य बस्तियों का प्रदूषित पानी भी इसमें बहाया जा रहा है। मना करने पर भी तालाब में पानी गिराना बंद नहीं किया गया,

जिसका दुष्परिणाम आज सामने आ गया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण के जांच कर नुकसान की भरपाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस तालाब में आसपास के ग्रामीण स्नानादि नित्यकर्म के लिए भी आते हैं, साथ ही आसपास के मवेशी भी पानी पीने आते हैं। इस तालाब की मछलियां स्थानीय बाजारों के अलावा आढ़त में भी भेजी जाती हैं। यह तालाब दर्जनभर मत्स्यजीवी किसानों के जीविकोपार्जन का एकमात्र श्रोत है। मछलियों मरने से उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है। बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब इतने बड़े पैमाने पर मछलियों की मौत हुई है। इससे पहले भी इस तालाब में मछलियां मृत पाई गई थी। इसके अलावा जमुना तालाब, बर्गीडीह तालाब में भी मछलियां मृत पाई गई थी। सभी तालाबों के आसपास उद्योग या रिहायशी कॉलोनी हैं जिसके प्रदूषित पानी तालाब में प्रवाहित किए जाने की वजह से मछलियों की मौत हो चुकी है। हर बार मत्स्य पालकों को नुकसान उठाना पड़ा है। बावजूद इसके प्रदूषण विभाग और स्थानीय प्रशासन इसको लेकर गंभीर नहीं है।
की साजिश की आशंका

मत्स्य जीवी किसान फूलचंद इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जता रहे हैं। दरअसल तालाब के इर्द-गिर्द बड़ी रिहायशी कॉलोनियां बसी हैं। भू- माफियाओं की नजर तालाब पर है। उन्होंने मछलियों के मौत की जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि कई बार श्रीपुरम सोसाइटी से तालाब में चूना डलवाने की मांग की गई मगर उनके द्वारा मदद नहीं की गई।