लोक आस्था का महापर्व चैती छठ मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ संपन्न हुआ। इसके साथ ही पारण कर व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत भी संपन्न हो गया। सुख- शांति एवं समृद्धि के लिए नहाय- खाय से शुरू हुआ चार दिवसीय महापर्व में व्रतियां खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा। विभिन्न नदी घाटों,

सरोवरों एवं कृत्रिम छठ घाटों पर व्रतियों ने पूरे निष्ठा के साथ अर्ध्य अर्पित किया। अहले सुबह की छत व्रती अपने परिवार एवं श्रद्धालुओं के साथ नदी घाटों पर दौरा- सूप लेकर जुटने लगे। सूर्योदय के साथ ही अर्ध्य अर्पित कर चार दिवसीय महापर्व का समापन किया। इस दौरान छठ गीत से पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा। जिला प्रशासन समेत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने छठ व्रतियों की सुविधा के लिए तरह तरह के प्रबंध किए गए थे।