
पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर नोवामुण्डी में कक्षा दशम के भैया बहनों के लिए कक्षा नवम द्वारा स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा पालित गुरु मां,

विद्यालय कार्यकारिणी प्रबंध समिति के माननीय अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह सचिव रामस्वरूप पोद्दार, माननीय कोषाध्यक्ष मालती लागुरी द्वारा दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया। गुरु मां ने सभी अतिथियों का परिचय कराया एवं बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चें माध्यमिक शिक्षा पूर्ण कर उच्च माध्यमिक शिक्षा की ओर अग्रसर होने वाले हैं।

आपके अध्ययन का दायरा बढ़ेगा। ऐसे में बड़े ही संयमित तरीके से परिश्रम करने की आवश्यकता है। आपको जो यहां शिक्षा संस्कार अनुशासन और जीवन मूल्य बताएं गए हैं उसके अनुसार अपनी राह स्वयं तलाशनी और तराशनी है यह सौभाग्य का विषय है कि आप विद्या भारती के छात्र हैं। विद्या भारती वैश्विक स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली सबसे बड़ी गैर सरकारी संस्था है। यहां के छात्र आज पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बच्चों का व्यवहार सबसे अधिक मायने रखता है जीवन में सभी आसमान की ऊंचाइयों को छुए ऐसी अपेक्षा विद्यालय आपसे करता है। एक अच्छा नागरिक बनकर देश की सेवा राष्ट्र की सेवा ही आपका लक्ष्य होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कक्षा नवम की बहन श्वेता कुमारी एवं बहन आरुषि सिन्हा द्वारा किया गया जिसमें स्वागत गीत,

विदाई गीत, अनुभव कथन नृत्य, नाटक जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस भावपूर्ण अवसर पर कक्षा दशम की बहन सृष्टि ठाकुर एवं भैया बबलू सन्पुरिया ने अपनी कुछ यादें विद्यालय परिवार के साथ सांझा की और विद्यालय में बिताए हुए पलों को याद करके भावुक हुए। स्नेह मिलन समारोह में लेवनार्ड अल्वेस्टर बोदरा आचार्य जी द्वारा कक्षा दशम का वृत रखा गया जिसमें उन्होंने कक्षा अरुण से दशम तक के यात्रा को याद कराया और कहा कि विद्यालय हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा। माननीय अध्यक्ष श्रीमान रामस्वरूप पोद्दार जी ने भैया बहनों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि विद्यालय ने जो कुछ भी आप सबों को देने का प्रयत्न किया है जो भी सिखाया है उसे आप जीवंत पर्यन्त याद रखें और अपने विद्यालय एवं परिजनों का मान सम्मान बढ़ाएं। कार्यक्रम के अंत में आचार्य अजीत महतो ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। सभी भैया बहनों को विद्यालय की ओर से भेंट स्वरूप स्मृतियां प्रदान की गई। अंततः शांति मंत्र द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति हुई।