
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की इग्नू बी.एड प्रोग्राम की कार्यशाला-2 के नवें दिन इग्नू की समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा ने प्रार्थना सभा के साथ प्रथम सत्र में चारों सत्र का विषय प्रवेश कराते हुए ‘सहयोगपूर्ण शिक्षण’ और ‘तनावमुक्त शिक्षण’ जैसे विषयों पर संक्षेप में प्रकाश डाला।प्रथम और द्वितीय सत्र की संसाधनसेवी रहीं कोल्हान विश्वविद्यालय की एम.एड की विभागाध्यक्ष डॉ. सुचित्रा बेहरा ने ‘तनाव मुक्ति की तकनीकियां सीखना’ विषय पर गंभीर चर्चा करते हुए शिक्षा से तनाव को अलग करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने अधिगम में तनाव के कारणों पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को तनाव के समय सही मार्गदर्शन देने पर चर्चा की और तनाव मुक्ति की तकनीकें भी सिखाई। तनाव से निपटने के लिए योग, संगीत, कला को कारगर बताया।सामूहिक क्रियाकलाप के अंतर्गत मिश्रित विषय के शिक्षार्थियों ने तनाव मुक्ति की तकनीक पर प्रतिवेदन का निर्माण किया और प्रस्तुति दी।द्वितीय सत्र में जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की समन्वयक डॉ. कामिनी भी कार्यशाला भी उपस्थित रही। डॉ. कामिनी ने समाज और राष्ट्र में शिक्षकों के सहयोग पर अपने विचार रहे और सभी शिक्षार्थियों को राष्ट्र निर्माण में सहयोग करने हेतु शुभकामनाएं दी।तृतीय और चतुर्थ सत्र के संसाधन सेवी रहे जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय भुइयां ने ‘सहयोगपूर्ण अधिगम विधियां’ विषय पर शिक्षार्थियों संग चर्चा करते हुए कक्षाकक्ष अभ्यास में सहयोगपूर्ण

अधिगम विधियों का उपयोग करने पर ज़ोर दिया। डॉ. भुईयां से बताया कि सहयोगपूर्ण विधि द्वारा अधिगम को सरल व सुचारू बनाया जा सकता है। उन्होंने सहयोगपूर्ण अधिगम विधियों के प्रकारों और कक्षा शिक्षण में इसके महत्व पर भी शिक्षार्थियों संग चर्चा की।चतुर्थ सत्र की समाप्ति से पूर्व शिक्षार्थियों ने सामूहिक क्रियाकलाप के अंतर्गत कक्षा कक्ष शिक्षण में सहयोगपूर्ण विधि के उपयोग पर प्रतिवेदन बनाएं। सभी प्रतिवेदनों पर संसाधन सेवी ने मार्गदर्शन किया और सकारात्मक सुझाव दिए।कार्यशाला को सफल बनाने में नेहा सुरुचि मिंज और उपेंद्र शर्मा समेत सभी संसाधन सेवियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सत्रावसान हुआ। कार्यशाला में शिक्षक, छात्राएं, छात्र, संसाधन सेवी उपस्थित रहे।