
एक्सआईटीई कालेज में विश्व आदिवासी दिवस पर स्वदेशी समुदायों की अनूठी परंपराओं, मूल्यों और योगदान पर प्रकाश डाला गया। इसकी शुरुआत पूर्वजों को श्रद्धांजलि देकर की गई। यह स्वदेशी संस्कृतियों की जड़ों के प्रति गहरे सम्मान और संबंध को रेखांकित करता है। एनॉक टोपनो ने कहा झारखंड के भीतर आदिवासी आबादी राज्य की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने स्वदेशी संस्कृतियों के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। रितेश एडविन डुंगडुंग एसजे ने स्वदेशी लोगों की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराई। इसमें प्रो अकिंचन ज़ाक्सा, टाटा स्टील फाउंडेशन के प्रबंधक सूरज गिलुआ और सलाहकार नीतीश कुमार मौजूद थे।