
आरपीएफ परिसर में बुधवार की शाम रेलवे सुरक्षा बल का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान जवानों को ड्यूटी के प्रति सजग रहने व रेल संपत्ति की रक्षा करने को तत्पर रहने का पाठ पढ़ाया गया।कांड्रा आरपीएफ प्रभारी अश्मित वर्मा ने अपने जवानों को लड्डू खिलाकर 39वां स्थापना दिवस मनाया। बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सेवा और समर्पण की मिसाल है। यह देश के सर्वोत्तम सुरक्षा बलों में से एक है, जो देश में रेल यात्रियों की सुरक्षा, भारतीय रेलवे की संपत्तियों की रक्षा एवं देश-विरोधी गतिविधियों में रेलवे सुविधाओं के इस्तेमाल की निगरानी रखता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम मुख्य रूप से अवैध रूप से रेलवे ट्रैक पार करने एवं चलती ट्रेन में चढ़ना उतरना के मुद्दे पर केंद्रित था।

कुछ अन्य मुद्दों जैसे पथराव, फुटबोर्ड पर यात्रा, सिग्नल केबल से छेड़छाड़, महिला सुरक्षा, मानव तस्करी पर भी चर्चा की गई।कार्यक्रम में गांव के स्थानीय लोग शामिल हुए। आरपीएफ ने ग्रामीणों को लेवल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी दी, उन्हें किसी भी चलती ट्रेन में अतिक्रमण और पथराव के खतरों के बारे में जानकारी दी।सभी ग्रामीणों को सलाह दी गई कि वे अपने बच्चों को रेलवे ट्रैक के पास खेलने से रोकें और ट्रैक के पास मवेशी चराने से बचें। मुख्य फोकस अनचाहे चेन पुलिंग को रोकने, मिड सेक्शन में ट्रैक को पार करने और लेवल क्रॉसिंग, फुटबोर्ड यात्रा और पटरियों पर शौच और पटरियों पर आत्महत्या का प्रयास करने पर था।बता दें कि हर वर्ष रेलवे पुलिस बल का स्थापना दिवस 20 सितंबर को कांड्रा आरपीएफ हर्षोल्लास के साथ मनाती है।वहीं इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरपीएफ प्रभारी अस्मित वर्मा, हेड कांस्टेबल प्रदीप खटुआ, कांस्टेबल प्रमोद दास, कांस्टेबल नीरज कुमार एवं स्थानीय ग्रामीण शामिल थे.