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अंकिता सिन्हा का अंतरराष्ट्रीय मंच पर दूसरी छलांग, बैंकॉक में काव्य धारा बहाएंगी

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जमशेदपुर। शहर झारखंड और देश की दर्जनों शहरों में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देकर पहचान बनाने वाली अंकिता सिन्हा का अंतरराष्ट्रीय मंच पर दूसरी छलांग है। इसी वर्ष 2023 के जनवरी में अंकिता सिन्हा मलेशिया में आयोजित कवि सम्मेलन में अपने देश का नाम रोशन कर चुकी है। अंकिता सिन्हा कि तीन पुस्तकें आकांक्षा कोरोनाकाल और मेरी दुनिया मेरी मां बाजारों में उपलब्ध है। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद अंकिता देश की पहली महिला है जिन्होंने श्रीनगर के लाल चौक पर झंडा फहराने का गौरव प्राप्त किया था। भारतीय तिरंगा गौरव सहित दर्जनों अवार्ड इन्हें मिल चुका है। अंकिता अपनी माता और पिता को भगवान से भी ऊंचा दर्जा देती है। उनका मानना है की मां के आशीर्वाद से ही इस मुकाम तक पहुंच सकी है।
केंट फार्मास्यूटिकल्स होम्योपैथी दवाओं की प्रसिद्ध कंपनी बैंकॉक के द्वारा काव्य संगम का आयोजन किया जा रहा हैं बैंकॉक फार्मास्यूटिकल्स के एरिया सेल्स मनेजर सोमनाथ ने बताया कि हर साल यहां देश विदेश के 200 से जयादा सुप्रसिद्ध चिकित्सकों का सेमिनार होता हैं। यह खुशी कि बात हैं इस बार काव्य धारा एवं सम्मान समारोह शृंखला में भारत से सुप्रसिद्ध कवयित्री अंकिता सिन्हा को जमशेदपुर से आंमत्रित किया गया हैं। गया से सुप्रसिद्ध चिकित्सक आयोजक एवं मंच संचालक डॉक्टर वीरेंद्र यादव के कुशल संचालन में बैंकॉक पटाया में काव्य धारा बहेगी।

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