
विगत कई वर्षों से जेआरडीसीएल के द्वारा चौका से मुड़िया आदित्यपुर डीवीसी मोड़ एवं डीसी ऑफिस से एंबुलेंस सेवा लोगों को दी जा रही थी इनमें इनमें से जे आर डी सी एल द्वारा चौका से मुड़िया तक प्रदान की जाने वाली एंबुलेंस सेवा घाटा का हवाला देते हुए बंद कर दिया गया. ये एंबुलेंस कांड्रा टॉल प्लाज़ा के समीप खड़ी रहती थी . जो कांड्रा, मुड़िया, चौका मार्ग में दुर्घटना में घायल हुए लोगों कि सेवा करती थी . लेकिन अब इस एंबुलेंस सेवा को बंद कर दिया गया है.इससे एंबुलेंस में काम करने वाले कर्मी तथा स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है .ज्ञात हो कि 2 जिलों को आपस में जोड़ने वाला यह मार्ग व्यस्त मार्गो में एक है जहां हमेशा दुर्घटनाएं होती रहती है .
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सोचनीय यह है कि दुर्घटना की अवस्था में अब किसे सहायता के लिए बोला जाएगा जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति सही समय पर अस्पताल पहुंच सके और उसकी जान बचे .ज्ञात हो कि इस मार्ग पर हमेशा दुर्घटना होती रहती है जिससे लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं उन घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से समय पर चिकित्सा के लिए अस्पताल पहुंचा दिया जाता था जिससे उनकी जान बच जाती थी पर अब यह सुविधा भी लोगों से जे आर डी सी एल कंपनी के द्वारा छीन ली गई है जहां एक और उपायुक्त के आदेश अनुसार सड़क सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा नियमित कार्य किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस सेवा बंद कर देना कहां तक उचित है .वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस में सेवा देने वाले कर्मी भी अब बेरोजगार हो गए हैं .उनके पास भी अब रोजगार का कोई उपाय नहीं दिख रहा . सड़क निर्माता कंपनी के इस फैसले पर लोग न केवल आश्चर्यचकित हैं बल्कि इस फैसले के खिलाफ लोगों के मन में रोष भी साफ़ दिखाई पड़ रहा है. ऐसे में एंबुलेंस कर्मी एवं स्थानीय लोग आदिवासी कल्याण मंत्री सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन की ओर आशान्वित है लोगों को विश्वास है कि मंत्री चंपई सोरेन के पहल से निरस्त की गई यह सेवा फिर से बहाल कर दी जाएगी.वही विरोध करने वालो में मुख्यरूप से पारामेडिकल डा0 गोपाल महतो,पारामेडिकल डा0 प्रिय रंजन महतो,स्वीपर सुजीत महतो,तपन घोष,जीतेंन महतो,नंदलाल कुंभार,संतोष तिवारी,प्रभात कुमार,भुजंग मछुआ, पेट्रोलिंग ऑफिसर नीरज कुमार, उप मुखिया धुनाबुरु पंचायत मुकेश चंद्र महतो शामिल थे