
सरायकेला :: सरायकेला प्रखंड के बांकसाही पीढ़ के मौजा घोड़ालांग में पारंपरिक देश जाताल पूजा आगामी दिनांक 03 सितंबर 2023 को विधिवत किया जाएगा । विदित हो कि इस पूजा की शुरुआत बांकसाही गढ़ के स्थापना के बाद सन 1664 से हुआ है । यह पूजा 12 वर्ष के बाद एक बार किया जाता है। इस संदर्भ में रविवार को बाकसाही शिव मन्दिर परिसर पर एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता बांकसाही गढ़ के राजा कुंवर प्रदीप सिंहदेव ने की। बैठक में बाकसाय गढ़ के 32 मौजा के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होकर जताल पूजा अर्चना के संदर्भ में चिंतन मंथन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजा सिंहदेव ने कहा कि गढ़ के आने वाली नई पीढ़ी इस पारंपरिक पूजा को बचाये रखने की अपील की है। आगे उन्होंने बताया कि यह विशेष पूजा क्षेत्र में अच्छी बारिश अच्छी फसल एवं गांव की खुशहाली के लिए किया जाता है। यह विशेष पूजा 300 साल से होती आ रही है । पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं कि यह पूजा का विशेष महत्व है । इस पूजा को सच्ची श्रद्धा भाव से करने वालो की हर मनोकामनाए पूर्ण होती है । इस पूजा से गांव खुशहाल और निरोग रहता है। मौके पर बाकसाय गढ़ के बसंत पाणि, सव्य किंकर आचार्य, तरापद साहू, हीरालाल दास, जोगेश महापात्र, विमल सरदार, जीतमोहन महतो, राजेश प्रधान, छुटु महतो, अशोक सिंहदेव , मकुंद महतो समेत गढ़ के गणमान्य लोग उपस्थित थे।