
प्रथम चरण में डाॅ हरिपद हेंब्रम द्वारा करीब 25 पर्यवेक्षकों को फाइलेरिया बीमारी का इलाज से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. कहा,ग्रामीण क्षेत्रों में फाइलेरिया बीमारी को हाथी पाँव रोग के नाम से जाना जाता है,जो काफी खतरनाक है. यह बीमारी मादा क्यूलेक्स नामक मच्छरों के काटने से होती है. मच्छरों से बचाव ही इनका बेहतर इलाज है. इसके लिये ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता है. प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि फाइलेरिया की दवा आँगनबाडी केंद्र की सेविका तथा स्वास्थ्य सहिया अथवा किसी एनजीओ के माध्यम से वितरित किया जाएगा. द्वितीय चरण में एएनएम और एमपीडब्ल्यू को भी फाइलेरिया के रोकथाम का प्रशिक्षण किया जायेगा. कहा कि 10 अगस्त को प्रत्येक बूथ में दवा खिलायी जायेगी.साथ ही,11 से 25 अगस्त तक एमडीए और आईडीए सर्वजन दवा घर घर खिलाया जायेगा.