Latest Posts

भागवत श्रवण करने से राजा परीक्षित का हुआ उत्थान -मयंक महाराज

Spread the love

बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा दिन
जमशेदपुर। बिष्टुपुर स्थित श्री श्री सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार को भागवत भ्रमर आचार्य श्री मयंक जी महाराज ने व्यासपीठ से कुन्ती एवं भीष्म स्तुति, वराह अवतार एवं कपिलोपाख्यान देवहुति चरित्र कथा की महिमा का प्रसंग परीक्षित जन्म और कपिल अवतार की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कभी भी किसी महात्मा का अपमान नहीं करना चाहिए। यदि हम अगर किसी संत का अपमान करते है तो भागवत प्राप्ति में बाधा डालती हैं। भागवत के जो मुख्य श्रोता है राजा परीक्षित, उनको श्राप के कारण श्री सुखदेवजी ने सात दिन की भागवत कथा श्रवण करायी। जिससे उनका उत्थान हो गया। श्री श्याम भटली परिवार जमशेदपुर एवं भयली महिला मंडल सोनारी द्धारा संयुक्त रूप

आयोजित भागवत कथा में व्यास पीठ से कथावाचक ने आगे कहा कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। भगवान उसी ह्रदय में वास करते हैं, जिसका मन गंगा की तरह साफ हो। मनुष्य जीवन का महत्व समझते हुए भगवान की भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए। कथा व्यास ने भागवत कथा सुनने से जीव का ही नहीं अपितु धुंधकारी जैसे प्रेत का भी कल्याण करके उसे परम् गति प्रदान कर देता है। जैसे गंगा लोगों को पवित्र करती है वैसे कथा गंगा लोको को पवित्र करती है। कथा श्रवण मात्र से अज्ञान समाप्त होकर ज्ञान प्राप्त होता है। ये कथा भक्ति, ज्ञान वैराग्य को पुष्ट करती है ओर जीव और जीवन को मंगल बनाती है दूसरे दिन बुधवार को मुख्य यजमान के रूप में धीरज चौधरी, मनोज खेमका, मनीष सिंघानिया, बसंत हारनाथका, मदन अग्रवाल, बिसु नरेड़ी, बंटी चांगिल, अशोक चौधरी, अनिल चौधरी, सुनील रूस्तोगी सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। महाराज जी तीसरे दिन गुरूवार को धु्रव चरित्र, पुरन्जन उपाख्यान, अजामिल चरित्र एवं नरसिंह अवतार कथा की महिमा का प्रसंग सुनायेंगे। इसका आयोजन श्री श्याम भटली परिवार जमशेदपुर एवं भयली महिला मंडल सोनारी द्धारा संयुक्त रूप से किया जा रहा हैं। कथा में बड़ी संख्या में पधारकर कथा प्रेमियों द्वारा निष्ठा एवं भाव पूर्वक प्रभु कथा का रसपान किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!