
नक्सल प्रभावित जेटेया थाना अंतर्गत शुक्रिपाड़ा गांव की एक मासूम बच्ची, जो हाइड्रोसेफालस (सिर में पानी भरने की गंभीर बीमारी) से पीड़ित थी, का रिम्स, रांची में सफल ऑपरेशन संपन्न हुआ।
यह पहल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चाईबासा के माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मोहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन तथा सचिव श्री रवि चौधरी के सक्रिय पर्यवेक्षण में की गई। पैरा लीगल वॉलंटियर्स प्रमिला पात्रो एवं उमर सादिक ने बच्ची के गंभीर स्वास्थ्य मुद्दे को चिन्हित कर तत्काल परिवार से संपर्क किया। ग्रामीण क्षेत्र में प्रचलित झाड़-फूंक जैसी पारंपरिक मान्यताओं के बीच उन्होंने इलाज के प्रति परिवार को जागरूक किया और रिम्स रेफर की प्रक्रिया में सहयोग किया।

परिवार की सामाजिक और भाषाई सीमाओं को देखते हुए सोनी गोप ने रांची में रहकर बच्ची की देखरेख, ब्लड अरेंजमेंट, दवा की व्यवस्था और अस्पताल के स्टाफ से समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं प्रमिला पात्रो ने आर्थिक सहयोग हेतु क्राउडफंडिंग का संचालन कर आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की।
स्वास्थ्य विभाग, रिम्स के चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, आशा कार्यकर्ता एवं मानसी सहिया के सहयोग से यह प्रयास सफल हुआ। वर्तमान में बच्ची की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार है और परिवार ने राहत की सांस ली है।