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पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटक भोक्ता करते हैं भगवान की आराधना, दशकों से चली आ रही परंपरा, शामिल हुए कांड्रा थाना प्रभारी विनोद कुमार मुर्मू, बारिश में भी जमी रही भीड़

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श्रीश्री सार्वजनिक चड़क पूजा कमिटी मध्यबस्ती के तत्वधान में आयोजित भोक्ता झूलन पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर कांड्रा शिव मंदिर में भोक्ता झूलन देखने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटी. लगभग एक दर्जन शिव भक्तों ने भगवान भोले को खुश करने के लिए करीब 50 फीट ऊंचे खूंटे पर डंडे के सहारे चारों तरफ चक्कर लगाकर आस्था दिखाई. इसके पूर्व सभी ने छोटा तालाब में स्नान कर 24 घंटे का उपवास रखा.साथ ही दंडवत करते हुए मंदिर तक पहुंचे. वही कमिटी द्वारा रात्रि में छऊ नृत्य का भी आयोजन के साथ झूमर सम्राट रेबती महतो का झूमर का कार्यक्रम का आयोजन किया गया पश्चिम बंगाल की
झूमर सम्राट रेबती महतो ने एक से बढ़कर एक झूमर गीत गाकर लोगों को झूमने में मजबूर कर दिया,कार्यकर्म को सफल बनाने में कमिटी के अध्यक्ष के साथ कमिटी के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है

1930 से हो रहा भोक्ता झूलन का आयोजन: अध्यक्ष विजय महतो

बता दें कि श्री श्री सार्वजनिक चड़क पूजा कमिटी मध्यबस्ती कांड्रा भोक्ता झूलन पर्व 1930 से कमिटी द्वारा की जा रही है,

92 सालों से लकड़ी का
खूंटा जस का तस:

कांड्रा बस्ती में वर्षों पहले सन् 1931 में पूर्वजों ने चड़क पूजा के लिए 50 फीट ऊंचा लकड़ी का जो खूंटा गाड़ा था, वह आज भी सही सलामत है. दशकों बीत जाने के बाद भी इस लकड़ी के खूंटे में जरा सा भी परिवर्तन नहीं देखा गया है. लोग इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं. चड़क पूजा में भक्त पीठ पर कील से छेद कराते हैं, फिर उन कीलों को खूंटे में बांधकर 50 फीट ऊपर हवा में घूमते हुए भगवान शिव को प्रसन्न कर आराधना करते हैं. 95 साल से प्रतिवर्ष आयोजित हो रहे इस पूजा में आज तक कोई भी अप्रिय घटना सामने नहीं आई है,

जिसे लोग भगवान का चमत्कार मानते हैं. इतना ही नहीं नुकीले कील से पीठ को छिदवाने वाले भक्त को कभी कोई परेशानी नहीं होती. लोहे के कील होने के बावजूद पीठ में जख्म का नामोनिशान तक नहीं रहता.

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मन्नत पूरी होने पर भी भोक्ता करवाते हैं रजनी फोड़ा:

कहा जाता है कि चड़क पूजा में भगवान शिव से मन्नत मांगने वाले भक्तों की मुराद पूरी होने पर वह रजनी फोड़ा करवाते हैं. इन भक्तों को भोक्ता भी कहा जाता है. मंदिर में शिवलिंग के सामने नतमस्तक होकर पूजा करने के बाद सीधे तौर पर नुकीले किलों को पीठ पर घुसा दिया जाता है और फिर भक्त 50 फीट ऊपर खूंटे पर जाकर हवा में घूमते हैं. इस दिन गांव में हर तरफ जश्न का माहौल होता है. लोग सुबह से ही रजनीफोड़ा और भोक्ता को देखने जुटे रहते हैं.

वही मौके पर मुख्यरूप कांड्रा थाना प्रभारी बिनोद कुमार मुर्मू, कांड्रा पंचायत के पूर्व मुखिया होनी सिंह मुंडा समेत कमिटी के अध्यक्ष सह समाजसेवी विजय महतो, प्रशिक्षित महतो, मनोज महतो ,सतेंदर प्रसाद,सरोज महतो संजय महतो राम महतो, राजकिशोर महतो, गुरुपदो दत्ता,रासू दास,चन्दन मोदक,अनिल महतो, देवाशीष महतो, धनु राम महतो विवेक महतो ,नकुल महतो, सुधीर महतो,जेसिका महतो,कमल महतो,करती महतो,सुमित महतो, सौरव आचार्य, आशीष महतो,राकेश महतो,अमित महतो,सचिन महतो,राजू महतो,भीम महतो, केलवर महतो,अजीत महतो, शक्ति मोदक,सूरज महतो, चंदन महतो,विवेक महतो,धनु राम महतो, बीदु सरदार, पीटू दास मौजूद थे
उपस्थित थे।

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