
नोआमुंडी प्रखण्ड से लगभग 6 किलो मीटर की दूरी, कोटगढ पंचायत के कुमिरता गांव में गुरूवार को भगवान भोलेनाथ बोरनेसोर महादेव मंदिर का भूमि पूजन और मंदिर निर्माण कार्य का शिलान्यास समाजसेवी ,दिलीप अग्रवाल के कर कमलों से किया गया. खबर के अनुसार, 2022 के मार्च महीने में कुमिरता गांव के ग्रामीणों के द्वारा गांव के नदी के तट पर अर्जुन पेड़ के नीचे पूजा अर्चना के बाद एक लाल मुर्गा की बली दी जा रही थी. उस दिन मुर्गा की बलि के दौरान मुर्गा उड़कर एक बेल पेड के नीचे आकर बैठ गया. जब पुजारीआर्थो बेहरा उस मुर्गा की खोज में वहां पहुंचे, तो देखा कि दो बिषधर् नाग नागिन का जोड़ा वहां मौजूद था और उसके बगल में ही दो शिवलिंग प्रकट हुए थे .

पहले तो पुजारी को थोड़ा डर लगा,क्योंकि पुजारी को देखते ही नाग नागिन जंगलों की ओट में चले छिप गये. फिर पुजारी ने गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी. लोग वहां जमा हो गये और भगवान भोलेनाथ की पूजा करने लगे हैं. कुछ दिनों बाद गांव के ग्रामीणों ने मिलकर शिव लिंग् का प्राण प्रतिष्ठा विधिवत तरीके से पूजा अर्चना कर पांच ब्राह्मणों के द्वारा कराया गया और स्थाई टेंट के नीचे शिवलिंग को स्थापित कर दिया गया.लगभग दो वर्षों के बाद नोआमुंडी निवासी सुमन सप्लायर हार्डवेयर के मलिक दिलीप अग्रवाल ने इस मंदिर का निर्माण कराने का बीडा उठाया था. इसके लिए आज भूमि पूजन की गयी. जमीन मालिक फुफुन् वेहरा ने मंदिर के निर्माण के लिए स्वेच्छा से अपनी इस भूमि का दान कर दिया. आश्चर्य की बात है कि दो शिवलिंग एक साथ निकालना वह भी शमसान घाट के सामने दो दो बेलपेड़ के नीचे यह आजूबा है, क्योंकि भगवान भोलेनाथ का डेरा भी मसाने में है और भगवान भोलेनाथ को बिलपत्र भी बहुत प्रिय है. मंदिर के पुजारी के बेटे ने जानकारी दी कि यहां नाग नागिन का जोड़ा अक्सर विचरण करता रहता है, परंतु आज तक किसी को नुकसान नही पहुंचाया