
गम्हरिया | आदिवासियों पर हो रहे अन्याय अत्याचार को रोकने के लिए आदिवासियों की बैठक कांड्रा मोड पर आदिवासी नेता पूर्व प्रमुख रामदास टुडू की अध्यक्षता में हुई। इसमें विभिन्न क्षेत्र के सैंकडों कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में आदिवासी सांवता सुसार अखाडा का गठन किया गया। इसमें सर्वसम्मति से पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक चंपाई सोरेन को मुख्य संयोजक मनोनीत किया गया।

साथ ही आदिवासी नेता रामदास टुडू व सोनाराम मार्डी को जिला संयोजक बनाया गया। इस दौरान जिला व प्रदेश कमेटी का विस्तार करने का निर्णय लिया गया। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि कपाली के बांधगोडा में आदिवासियों की सौ एकड सीएनटी जमीन पर बाहरी लोग कब्जा कर रखा है। घुसपैठिए धर्मांतरण व जमीन कब्जा कर आदिवासियों की सामाजिक व्यवस्था को तहस नहस कर दिया है। पहले संथाल परगना की बात सुनते थे। अभी जिले में भी शुरू हो गया है। उन्होंने चाईबासा के जगन्नाथपुर में घटी घटना पर गहरी संवेदना जताई।

कहा कि अलग झारखंड राज्य बने 24 साल बीत चुके हैं मगर राज्य के आदिवासियों के पास अपना मकान नहीं है। जिन आदिवासी बच्चों की मौत आग से जलकर हुई है यदि उनके पास अपना मकान होता तो आज बच्चे पुआल के घर में रहने को विवश नहीं होते।