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टाटा डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल नोवामुंडी में आज दिनांक – 12/02/2025 , बुधवार को महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती का आयोजन किया गया | इसके के दौरान, भाषण, गायन, लेखन प्रतियोगिता,प्रार्थना गाना, मेरी सोच, मेरे विचार, पढ़ना, और अभिव्यक्ति जैसे विषयों पर गतिविधियों का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य श्री प्रशांत कुमार भूयान ने स्वामीजी के चित्र पर वैदिक मन्त्रों के साथ दीप प्रज्वलन के द्वारा पुष्पांजली अर्पित किया जिसमें वरिष्ठ शिक्षक नन्द दास ने अन्य उपस्थित शिक्षकों के साथ सहभागिता की |
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प्राचार्य श्री प्रशांत कुमार भूयान ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म एक प्रभावशाली हिंदू ब्राह्मण परिवार में करशनजी लालजी कापड़ी और यशोदाबाई के घर हुआ था। उनका नाम मूल शंकर तिवारी रखा गया क्योंकि वैदिक ज्योतिष के अनुसार उनका जन्म धनु राशि और मूल नक्षत्र में हुआ था ।
बचपन से ही तप में लिप्त होकर, उन्होंने जीवन के बारे में एक गहन अर्थ प्राप्त करने और इसके वास्तविक सार को खोजने की कोशिश में पच्चीस साल बिताए। उन्हें वर्ष 1875 में “आर्य समाज” के संस्थापक के रूप में जाना जाता है, जिसका आदर्श वाक्य है: “सभी कार्यों को मानव जाति के लाभ के प्रमुख उद्देश्य के साथ किया जाना चाहिए।”
उन्हें साठ से अधिक कार्यों के लेखक के रूप में जाना जाता है, जिन्हें विश्व स्तर पर आदर्श माना जाता है और जीवन के प्रति गहन अर्थ प्राप्त करने के लिए एक आधार के रूप में उपयोग किया जाता है। उनके कुछ प्रमुख कार्यों में संस्कारविधि, सत्यार्थ प्रकाश, ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका, सत्यार्थ भूमिका, यजुर्वेद भाष्यम् और ऋग्वेद भाष्यम् (7/61/2 तक) शामिल हैं।
मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक अरबिंद ठाकुर ने किया | कार्यक्रम की समाप्ति शांति पाठ एवं राष्ट्रगान गाकर किया गया | मौके पर सभी कर्मचारी उपस्थित थे|