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कोल्हान के कई गाँवों में आदिवासियों के महत्वपूर्ण त्योहार मागे पोरोब की धूम

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नोवामुंडी,12 फरवरी: कोल्हान के कई गाँवों में मागे पोरोब की धूम मची है.बुधबार से बडानंदा,नंदपुर,मसाबिला,कंठाबिला,रूगुडसाई,खैरपाल,कोयो और आसनपाठ गाँवों समेत दर्जन से अधिक गाँवों में मागे परब की धूम मची है. मागे परब में पहला दिन गुरी पोरोब,दूसरे दिन मारंग पोरोब,वासी पोरोब और हर बागेया पोरोब की धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. मारंग पोरोब में मागे दिऊरी द्वारा देशाउली में शंखनाद के साथ पूजा अर्चना कर लाल मुर्गा की बली चढायी जाती है. जब दिउरी देशाउली में पूजा करते हैं,तब तक लोग अश्लील शब्दों का खूब प्रयोगकर उसके चारों ओर परिक्रमा करते हैं. बीच बीच में दिउरी के सहयोगी लगभग 9 से 11 की संख्या में नंगे बदन खडे होकर भैंस के सिंग से बने शंख बजाकर देशाउली मानो आरती उतारते हैं. इस दिन गाँव के किसी धर में मांस और मछली आदि नही मबते हैं.हरबागेया पोरोब में मागे बाडम को गाँव के चौराहे तक अश्लील शब्दों के जयघोष के साथ पहुँचा देते हैं और कामना करते हैं कि अगले साल फिर इसी तरह मागे परब आयोजित कर हर्षोल्लासपूर्वक सेवा सत्कार किया जाएगा. कई गाँवों में लगातार ओतेइली,माराहओल व भडबहूजी परब आयोजित होते हैं.
फोटो- आसनपाठ के देशाउली में समूह नृत्य करती हुई महिलाएँ

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