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कांड्रा बाजार में मकर संक्रांति को लेकर शनिवार काफी भीड़ लगा रहा बताया जाता है कि बच्चों के लिए नए कपड़े की खरीदारी के लिए रेडिमेड दुकानों को भीड़ देखी जा रही है। वहीं तिल से बनी तिलवा, तिलकुट, लाई आदि की भी दुकानें सज गई हैं। जहां लोग खरीदारी कर रहे हैं। खजुली, लकठो, लाई,
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बादाम पट्टी, तिल की लड्डू, गाजा, पियाव समेत अन्य प्रकार की मिठाइयों की भी बिक्री हो रही है। भीड़ के कारण कांड्रा पुराना पोस्ट ऑफिस कांड्रा बाजार पर दिनभर जाम का नजारा देखने को मिला . त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। संचार भारत न्यूज़ को जानकारी देते हुए पंडित मनोज मिश्रा ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। क्योंकि मकर संक्रांति का संजोग अपराह्न 3 बजे हो रहा है।
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शास्त्रों के अनुसार संक्रांति काल से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक पुण्य काल होता है, किन्ही ऋषियों ने पुण्य काल 32 घटी भी माना है। इसलिए सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त पर्यांत मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा सकता है। मकर संक्रांति से ही भगवान सूर्य उत्तरायण माने जाते हैं। शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं। तालाब नदी, सरोवरों पर स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति का पर्व उत्साह और धर्म का संवर्धन करने वाला है ।