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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं के खाते में 1415.44 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये। 56 लाख 61 हजार 791 महिलाओं के अकाउंट में 2500 रुपये भेजे गए। इस योजना के तहत एक साल में 30 हजार रुपये 18 से 50 साल तक की महिलाओं के खाते में दिये जाएंगे। महिलाओं के बीच सम्मान राशि हस्तांतरित करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होने कहा कि जब हमने झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 1000 रुपया देने की घोषणा कर दी तो हमारे विरोधी हमारा मजाक उड़ाते थे, कहते थे कि इतना पैसा कहां से लाएंगे। इसके बाद जब हमने 1000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 2500 रुपया करने की घोषणा कर दी तो फिर वो मेरा मजाक उड़ाने हुए मुझे चुनौती दी कि कहां से रुपयां लाएंगे। उन्होने भी एक झूठा वादा रखा जिसमें 1100 रुपया देने की बातें कही। हमसे बातचीत में वो हमें बोलते थे कि चुनाव हो जाने दीजिये फिर देखेंगे कि रुपया महिलाओं को देंगे कि नहीं देंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमने चुनाव में किया गया अपना पहला वादा पूरा किया है। राज्य क्या देश की कोई भी पार्टी अगर महिलाओं को नजरअंदाज करेगी तो कभी सत्ता में नहीं आ पाएगी। हम महिलाओं से अपील करते है कि वो अपना समूह चलाते है वो इस समूह में 50 या 100 रुपया कि जगह 500 या 1000 रुपया जमा करें और खुद को आर्थिक रूप से सबल करें। अपना और अपने बच्चों की जरूरतों को इस पैसे से वो पूरा करें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अलग अलग कई महिलाओं से बात करके उनसे इन रुपयों की उपयोगिता के बारे में पूछा और सलाह दी कि इस रुपये को सही काम में खर्च करें।
वादे के मुताबिक आज हजारों करोड़ रुपयों की सम्मान राशि मेरी बहनों के खाते में पहुंची है।लेकिन आज के इस भौतिकवादी युग में यह अभी भी चिंता का विषय है कि देश की आजादी के बाद कई नियम-नीतियां बनीं लेकिन न गरीबी दूर हुई और ना ही महिलाओं का सशक्तिकरण ही हो पाया। देश की आधी आबादी तो हमेशा पिछड़ा रहने को विवश हुईं।एक तरफ हम भारत को विश्व गुरु बनाने और ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लेते हैं और दूसरी तरफ आधी आबादी को दरकिनार करते हैं। जब इस देश की आधी आबादी विकास से कोसों दूर हो तो देश और राज्य कैसे विकास कर सकता है? यह हमारी समझ से परे है।