आदित्यपुर: नगर निगम क्षेत्र के 100 ईडब्ल्यूएस के लोग आवास बोर्ड के से फरमान से सहमे हुए हैं। हर जगह फरियाद लगाने के बाद गुरुवार को लोगों ने आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह से मिलकर इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई। पुरेन्द्र नारायण सिंह ने लोगों को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर आवास से बेदखल ना कराने की गुहार लगाई जाएगी। जरूरत पड़ी तो मंत्री चंपई सोरेन और बन्ना गुप्ता से मिलकर इनकी मांग रखी जाएगी।उन्होंने कहा कि विभाग के आदेशानुसार लोगों ने समय- समय पर राशि जमा भी कराया है, बावजूद इसके उन्हें बेदखल करना कहीं से भी जायज नहीं है।क्या है मामलावर्ष 2000 में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बीके लाल ने किराए में रह रहे लोगों को नियमित करने संबंधी चिट्ठी बिहार राज्य आवास बोर्ड को लिखा था, मगर झारखंड राज्य गठन होने के बाद तब के तत्कालीन मंत्री इंदर सिंह नामधारी ने उक्त मकानों को अमान्य घोषित कर दिया था, बावजूद इसके लोग घरों को मरम्मत करा इस उम्मीद के साथ रह रहे थे, कि कभी ना कभी विभाग द्वारा उन्हें मकान अलॉट किया जाएगा।
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2011 में अखबारों के जरिए विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया। जिसमें बोर्ड ने मकानों की कीमत करीब 4.64 लाख रुपए निर्धारित कर 10 फीसदी टोकन मनी जमा कराने का निर्देश दिया। लोगों ने टोकन मनी जमा कराया मगर उन्हें मकान आवंटित होना तो दूर उल्टे झारखंड राज्य आवास बोर्ड रांची की ओर से मकान खाली करने एवं जुर्माना जमा कराने की नोटिस जारी की गई है। इससे लोग सहमे हुए हैं। इतना ही नहीं साल 2017 में तत्कालीन विभागीय मंत्री सीपी सिंह के निर्देश पर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि 10 साल से अधिक समय से आवास बोर्ड के मकानों में जो रह रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाए। लोगों ने उसके तहत भी निबंधन कराया, मगर सब हवा- हवाई साबित हुआ। लोगों को अब घरों से बेघर होने की चिंता सताने लगी है।बता दें कि इन घरों के लिए लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी है। कई बार धरना- प्रदर्शन भी किया मगर अब तक एक अदद मकान के लिए लोग दर- दर की ठोकरें खा रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी के 2024 में सबको पक्का मकान का सपना कैसे साकार होगा यह सोचने वाली बात है।