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नोवामुंडी कॉलेज में गुरुवार को छात्रों को उद्यमी बनाने के उद्देश्य से कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोजीत विश्वास की अध्यक्षता में प्रायोगिक शिक्षण कार्यक्रम के तहत मशरूम की खेती से सम्बंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज संपन्न हुआ।कॉलेज के छात्र-छात्राओं को मशरूम की खेती करने के लिए नोवामुंडी प्रखंड के बेतेरकेया और रेंगाड़ बेड़ा गाँव से आए प्रशिक्षक श्री हरि लाल बोबोंगा एवं संजय पुरती ने मशरूम खेती करने की विभिन्न पद्दति एवं प्रकारों की जानकारी दी।प्रशिक्षकों ने ओएस्टर व
ढ़ीगरी खुंभी मशरूम की खेती करने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने इस खेती से जुड़ी तकनीक, पोषक तत्व, पैकेजिंग और मार्केटिंग आदि की जानकारी दी।कॉलेज के अमरजीत लागुरी ने बताया कि नोवामुंडी कॉलेज में मशरूम की खेती कई वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है ।उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती के लिए प्रयोगशाला में खुद ही बीज तैयार किए और कॉलेज के खाते से फंगसकल्चर के
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लिए आवश्यक निवेश प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि मशरूम का उत्पादन 20 से 25 दिनों के अन्दर शुरू हो जाता है और दो महीनों तक चलता है। इस खेती के सही समय लिए अक्टूबर से मार्च तक होता है।मौके पर उपस्थित प्राचार्य ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से छात्र- छात्राओं में आत्मविश्वास के गुण विकसित होंगे और भविष्य में वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।इस दो दिवसीय प्रतिक्षण कार्यक्रम के दौरान कालेज के प्राध्यापक नरेश कुमार पान,अमरजीत लागुरी ,तन्मय मंडल सहित काफी संख्या में छात्र-छात्रों ने उपस्थित होकर भाग लिया।