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रांची। बीएम बिरला हार्ट हॉस्पिटल, जो सीके बिरला अस्पताल का हिस्सा है, ने भारत में हृदय स्वास्थ्य पर अपनी पहली अनूठी रिपोर्ट ‘एवरी बीट काउंट्स‘ लॉन्च की है। इस रिपोर्ट में भारत में तेजी से बढ़ रहे हृदय रोग (सीवीडी) के संकट को उजागर करते हुए इससे निपटने के लिए आवश्यक जानकारियाँ और रणनीतियाँ प्रस्तुत की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली 20 प्रतिशत हृदयाघात से होने वाली मौतें भारत में होती हैं, और करीब 90 मिलियन भारतीय हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में प्रति 100,000 जनसंख्या पर हृदय रोग से मृत्यु दर 272 है, जो वैश्विक औसत 235 से अधिक है। शहरी क्षेत्रों में यह दर 450 तक पहुँच गई है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 200 के आसपास है। रिपोर्ट में भारतीयों के बीच ‘थिन-फैट‘ शरीर संरचना का उल्लेख किया गया है, जिसमें वजन कम होते हुए भी शरीर में वसा की अधिकता होती है, जो हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाती है। सीके बिरला अस्पताल के सीईओ विपुल जैन ने कहा कि यह रिपोर्ट हृदय रोगों से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति की आवश्यकता को उजागर करती है और इसे वार्षिक रूप से प्रकाशित किया जाएगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सीमित है, खासकर हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी के कारण। भारत में प्रति 2.5 लाख लोगों पर केवल एक हृदय रोग विशेषज्ञ है, जबकि अमेरिका में प्रति 7,300 लोगों पर एक हृदय रोग विशेषज्ञ उपलब्ध है। विशेष रूप से, रिपोर्ट में बच्चों में हृदय रोगों के प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई है, जहाँ भारत में हर साल केवल 35 बाल हृदय रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जाता है, और शिशु मृत्यु दर का 10 प्रतिशत हृदय रोगों से संबंधित है।