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बिहार : गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले का शुभारंभ, 14 अक्तूबर तक तीर्थयात्री करेंगे पिंडदान

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गया: बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला शुरू हो गया है. यह मेला 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा. गया जी में पहुंचने वाले पिंड दानी अलग-अलग दिनों में पिंड दान करने को आते हैं. कोई एक दिन, कोई तीन दिन, कोई 5 दिन तो कोई पूरे पखवाड़े यानी 16 दिन रुक कर गया जी में श्राद्ध करते है और पितरों के मोक्ष की कामना करते है. वही पहले दिन पिंडदान का कर्मकांड करने वाले ज्यादातर लोग 16 दिनों तक पिंडदान का कर्मकांड करवाते हैं. आज भी गया विष्णुपथ के फल्गु नदी के किनारे लोगों ने पिंडदान किया। झारखंड,राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, यूपी से पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने पिंडदान का कर्मकांड किया. दिन भर बूंदा बांदी होती रही फिर भी लोग पिंडदान करते रहे।चाँद चौरा चौक से विष्णुपथ जानेवाली सड़क पर किसी भी प्रकार के वाहन के आवागमन पर प्रतिबंध था प्रत्येक चौक चौराहे पर प्रशासन, स्वयंसेवक एवं एनसीसी के लोग मुस्तैद थे ताकि किसी भी स्थिति मे भगदड़ को रोका जा सके लोगों की भीड़ इतनी थीं की पैदल चलना भी दूभर था। लोग चींटी की चाल से धीरे धीरे आगे बढ़ रहे थे। फाल्गु के तट पर प्रशासन की ओर से काफ़ी अच्छी व्यवस्था की गयी थीं फिर भी लोगों को कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा। विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा जगह-जगह पर नि:शुल्क चिकित्सा एवं सेवा शिविर लगाई गई थी

गया धाम में फल्गु नदी की विशेष महिमा

गया धाम में फल्गु नदी की विशेष महिमा है. यह गया के पूर्व में बहने वाली नदी है. श्रद्धालु इसे भगवान विष्णु से ओतप्रोत मानते हैं. कहा जाता है, कि फल्गु नदी को सदैव अंदर ही अंदर बहने वाली नदी का श्राप माता सीता के द्वारा दिया गया था. तभी से फल्गु अतःसलिला हो गई है. हालांकि फिलहाल में यहां लबालब पानी है. क्योंकि फल्गु में गयाजी डैम का निर्माण किया गया है. हालांकि डैम के अलावा यहां से हटकर फल्गु नदी अंत: सलिला ही है. गयाजी धाम की मुख्य वेदियों में से एक फाल्गुनी नदी है.

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