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जमशेदपुर : हजारीबाग जेल में महिला बंदियों के बीच कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जेल अधीक्षक चन्द्रशेखर थे। कवि सम्मेलन का सफल संचालन जमशेदपुर की कवयित्री अंकिता सिन्हा ने की। कवि सम्मेलन बहुत ही शानदार रहा। इस अवसर पर जमशेदपुर और रांची की प्रख्यात कवित्रियों ने एक से बढ़कर एक अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देकर महिला बंदियों के मन को मोह लिया।
कवयित्री अंकिता सिन्हा ने जला है प्यार का घर इसमें बाक़ी सिसकियां भी हैं।मेरे एहसास की कलियां हैं थोड़ी तितलियां भी हैं।
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मेरे दिल को दिया है ज़ख़्म यूं तुमने बहुत गहरा,दहकती हिचकियां कुछ हैं तड़पती सिसकियां भी हैं की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉक्टर सुरिंदर नीलम कौर की रचना ने नज़रों से है गिराती सम्मान दिलाती, ये बोली हमारी सही पहचान कराती।मेरे बाबा की चिट्ठी आई है, शब्द भींगे भींगे भाषा कुम्हलाई है। सबको बहुत ही भावुक कर दिया।इसी तरह निवेदिता श्रीवास्तव गार्गी की रचना, देखकर दिल लगाना जरूरी नहीं ,चाहतों को तो पाना जरूरी नहीं।मीना बंधन ने ये जो तितलियाँ हैं। बड़ी चंचल बड़ी प्यारी, मासूम फूलों सा चेहरा,भीनी सी मुस्कान।और शालिनी ‘सह्बा’ की जिस्म तेरा क़ैद में है रूह तो आज़ाद है।दोस्त मेरे ये बता तू किसलिए नाशाद है।। ने कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिया।