चाईबासा: कहते हैं आस्था से बड़ी कोई चीज नहीं होती है, अगर आस्था है तो विश्वास है, विश्वास है तो समाज है, समाज है तो हम और आप हैं कुछ इन्हीं बातों को आज सत्यता को दर्शाती हुई उरांव समाज के पुजारी का चयन चाला मां खुद नियुक्त की है,
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आज बान टोला अखाड़ा मे मान्यता अनुसार पाँच वर्ष के बाद नैग, पाहन, पुजारी व उनके सहयोगी पनभरवा का चुनाव किया जाता है l विदित हो कि यह परम्परा वर्षो से अपने नियमानुसार अखाड़ा ( मुहल्ले ) के नवयुवक लड़के उपवास मे चाला मण्डप ( सरना स्थल ) पहुंचकर धुँवान-धुप,दूध-पानी व फूल पर्साद से पूजा अर्चना करते है, उन्हीं लड़कों मे से माँ द्वारा नियुक्त भक्त के आँखों मे पट्टी बांधा जाता है l
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तत्पश्चात गाजे-बाजे के साथ माँ की आराधना करते हुए गीतों के साथ मुहल्ला के हजारों घरों से घूमती हुई किसी एक घर मे माँ ( आँखों मे पट्टी बांधा हुआ भक्त ) स्वेता घुस जाती है, और उस घर के सभी परिवार के सदस्यों का नाम एक-एक कर के बतातीं हैं, तत्पश्चात उस घर का मुखिया व उनकी धर्मपत्नी ही माँ की मुख्य पुजारी के रूप मे नियुक्त हो जाते हैं l परम्परा अनुसार मुहल्ला व उरांव समाज के लोग माँ की सेवा करने हेतू आतुर रहते हैं
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इसलिए अपने-अपने घर की साफ-सफाई गोबर लेपन आदि कर तैयार रहते हैं ताकि माँ की शुभ व पवित्र चरण हमारे घर पर पड़े और हमें आगे माँ की विशेष सेवा करने का मौका मिले l इस बार भी माँ के द्वारा नियुक्त मुख्य पुजारी के रूप मे दोहराते हुए हजारों घर घूमने के बाद पुनः पूर्व पुजारी फागु खलखो के घर मे घुसकर माँ के द्वारा नियुक्त किया गया एवं सहयोगी के रूप मे पनभरवा दुर्गा कुजूर व मंगरू टोप्पो नियुक्त हुए l
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इस अवसर पर बान टोला अखाड़ा मे मुखिया लालू कुजूर के अलावे समाज के चमरू लकड़ा, शम्भु टोप्पो, सीताराम मुण्डा, राजेन्द्र कच्छप, जगरनाथ लकड़ा, भैया टोप्पो, बुधराम कोया, विशाल कच्छप, जगरनाथ टोप्पो, जय लकड़ा, विकास लकड़ा, विक्की तिग्गा, कुणाल तिग्गा, सुरज तिर्की, रवि तिर्की, बिरसा लकड़ा, रवि कुजूर, शंकर बाड़ा, दसरथ कुजूर, कलिया कुजूर, आकाश टोप्पो, श्याम लकड़ा वार्ड पार्षद श्रीमती लक्ष्मी कच्छप, पुतुल खलखो, लक्ष्मी खलखो, शांति कुजूर, सुभद्रा कच्छप, पार्वती कुजूर आदि काफी संख्या मे महिला पुरूष उपस्थित थे l