
नोवामुंडी कॉलेज के अम्बेडकर हॉल में टाटा स्टील फाउंडेशन के सबल प्रकल्प के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा माह सितंबर -2025 के अवसर पर सांकेतिक भाषा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास की अनुमति एवं दिशा-निर्देशन में सम्पन्न हुआ।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों एवं शिक्षकों में बधिर व्यक्तियों की समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाना, सहानुभूति तथा समावेशिता का भाव विकसित करना और श्रवण बाधित व्यक्तियों से संवाद स्थापित करने की व्यवहारिक कला सिखाना था।
इस अवसर पर डॉ. विश्वास ने सबल टीम की ट्रेनर सुश्री सोनी हेम्ब्रोम तथा सहायक ट्रेनर श्री अजय तिरिया का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को समाज की विशेष आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाते हैं और उन्हें नई दिशा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषा सुनने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए संचार का महत्वपूर्ण साधन है और विद्यार्थी इसे सीखकर समाज में समावेशी वातावरण बनाने में योगदान दे सकसमझाया।

कार्यशाला के दौरान सुश्री सोनी ने सांकेतिक भाषा की विभिन्न विधियों का प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथों के इशारों, शारीरिक भाषा और चेहरे के भावों के माध्यम से संवाद स्थापित करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।
टीम के साथ आए नन्हें बाल कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर अंधविश्वास, शिक्षा का महत्व और मूक-बधिरता की समस्याओं पर प्रकाश डाला। उनके प्रदर्शन ने उपस्थित शिक्षकों एवं छात्रों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर कॉलेज के सहायक प्राध्यापक साबिद हुसैन, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, प्रो. कुलजिंदर सिंह, प्रो नरेश कुमार पान, प्रो. दिवाकर गोप, तन्मय मंडल, शान्ति पुरती, सुमन चतोम्बा, प्रो सीमा गोप सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।