
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन और सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने अधिवक्ता श्री वैद्यनाथ उपाध्याय पर हुए हमले की कड़ी निंदा किया है और पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया है l ताकि भविष्य में अधिवक्ताओं के साथ ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके l
श्री शुक्ल ने कहा है कि पूरे राज्य के कई जिलों से अधिवक्ताओं के साथ मारपीट और धमकाने की सूचना झारखंड स्टेट बार काउंसिल को मिलती रहती है l राज्य सरकार को इससे अवगत भी कराया गया है l राज्य सरकार का सकारात्मक सहयोग भी रहा है लेकिन इसका समाधान झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करके ही हो सकेगा l
श्री शुक्ल ने आज एक ईमेल भेजकर झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से झारखंड में बिना कोई विलंब के एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने का आग्रह किया है l
श्री शुक्ल ने कहा है कि इस सम्बंध में कई बार झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को श्री शुक्ल के नेतृत्व में पूर्व में झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने ज्ञापन भी सौपा है और अधिवक्ताओं के साथ हो रही घटनाओं का उल्लेख करते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू कराने की मांग भी की गई हैl
श्री शुक्ल ने कहा है कि अधिवक्ता न्याय दिलाने के लिए गरीब अमीर सबके लिए प्रयास करते हैं यह उनका व्यवसायिक कर्त्तव्य है जिसे वे ईमानदारी से निभाते हैं, उनके लिए दुर्भावना पालना ठीक नहीं है l इस लिए अब आवश्यक हो गया है कि बिना विलंब के झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए ताकि अधिवक्ता निर्भीकता से अपना दायित्व निभा सके l कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी अधिवक्ताओं ने अपनी जान की परवाह नहीं करके मुवक्किलों के हितों के लिए सभी न्यायालय में अपना दायित्व मजबूती से निभाया, आज भी अनेक चुनौतियों और आधारभूत संरचना के अभाव में अधिवक्ता अपना दायित्व निभाते हैं l इसलिए उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए, न कि उनके साथ मारपीट की घटना होनी चाहिए l
श्री शुक्ल ने कहा है कि जल्द ही झारखंड स्टेट बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलेगा और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू करने की मांग भी रखेगा l