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चाईबासा:- कहते हैं कि हम गरीबों के लिए कोई नहीं होता है, लेकिन ईश्वर जरूर होता है। ईश्वर कभी साक्षात जमीं पर उतर कर किसी गरीब की मदद नहीं करते, उसके लिए कोई ना कोई माध्यम से बनते हैं, और जो माध्यम बनते हैं, वे समाज में, देश में अपनी एक अलग पहचान बनाते हैं, क्योंकि वे अपने कर्तव्य को निभाते हैं, क्योंकि इस दुनिया में आने वाला हर एक व्यक्ति फर्ज और कर्ज के साथ जन्म लिया है। जो इस दुनिया में अपना फर्ज और कर्ज को निभाते हैं, पूरा करतें हैं, वे समाज के लिए, वें देश के लिए बहुत ही “अहम” होते है। जिसे पहचान बनाने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि वे दुनिया की इस भीड़ में उनकी अपनी एक अलग पहचान होती है। चाईबासा की सामाजिक कार्यों एवं नारी उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाने वाली दो महिलाओं मतकमहातु पंचायत मुखिया जुलियाना देवगम और चाईबासा (छोटा निमडीह) की नेहा निषाद का प्रभात खबर के महिला सशक्तिकरण को प्रेरित करने वाला कार्यक्रम “अपराजिता” के लिए चयनित किया गया है। दोनों का सम्मान करने के लिए जमशेदपुर स्थित एक्सएलआरआई के ऑडिटोरियम में आमंत्रित किया गया है।बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी जुलियाना देवगम जुझारू स्वभाव की महिला है । वह एक -एक पैसे की कीमत समझने वाली किसी भी कार्य को छोटा नहीं मानती है। लिहाजा,जब भी आय अर्जित करने का मौका मिले तो वह काम अवश्य करती है और महिलाओं को उनके जैसा करने के लिए प्रेरित करती है।बीते 10 सालों से अपने गांव में जलसहिया के रुप में काम कर पानी की कीमत का एहसास लोगों को करायी। जलमीनार का पानी पाइपलाइन के जरिए आपूर्ति कार्य सफलतापूर्वक जारी रखा।अपने मुहल्लेवासियों को सड़क की जरुरत बताकर आवाजाही हेतु निजी जमीन में रास्ता निर्माण हेतु सहमति के लिए प्रेरित करती है। बीमारों को अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराने के हिमायती जुलियाना रात में भी बीमार को अस्पताल ले जाने के लिए हमेशा तत्पर रहती है ।महिलाओं में पैसे की बचत आदत डालने एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए ज्योति नामक महिला समूह का गठन कर पैसे की बचत करने की शुरुआत किया। बुजुर्गों और जरुरतमंदों के बीच समय -समय पर पोशाक,कंबल और साड़ी का वितरण करती है।अब अपने पंचायत का मुखिया निर्वाचित होने के तुरंत बाद पलायन की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से गांव में काफी अरसे से बंद पड़े चूना पत्थर खदान में मछली पालन कर रोजगार सृजन की सोच को अमलीजामा पहनाने हेतु जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल को ज्ञापन सौंपा और उपायुक्त ने त्वरित कार्यवाही करते हुए केज सिस्टम से मछली पालन का मार्ग प्रशस्त किया। खदान में केज सिस्टम से मत्स्य पालन की प्रक्रिया आरंभ हो चुका है। इससे गांव के कई परिवारों को आर्थिक लाभ मिलेगा।नेहा निषाद शहर की एक संवेदनशील स्वभाव की महिला है। बच्चे एवं महिलाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर पैनी नजर रखती है। दिव्यांग और असहायों की सेवा करना उनकी फितरत बन चुकी है। अनपढ़ महिलाओं और ट्यूशन की सुविधा से जरुरतमंद बच्चों को स्वयं पढ़ाती है। हेल्पिंग हैंड संस्था से जुड़कर बुजुर्गों को खाने के लिए राशन का प्रबंध करना और तन पर बिना कपड़े जीवन यापन करने वाले के लिए कपड़े की व्यवस्था इनकी आदत है। नेहा निषाद मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है। बीसीए में जिले मे 3rd टॉपर रही। चाहती तो एमसीए कर 60 हजार की नौकरी कर सकती थी पर आज ये सामाजिक क्षेत्र में कार्यों के लिए जानी जाती है।मात्र 23 साल की उम्र में खुद घर पर पौष्टिक खाना बनाकर चाईबासा शहर के स्थानीय गरीब बस्तियों के बच्चो को बांटती है।पब्लिक से हेल्प लेकर बुजुर्गो को खाने के लिए राशन, तथा मनोरंजन हेतु रेडियो देती है। बच्चो के लिए कपड़े, स्वेटर, खिलौने इकत्र करती है फिर सुदूर गांव में असमर्थ और बिन मां बाप वाले बच्चो के फटे पुराने कपड़े को हटाकर उन्हे नए कपड़े पहनाकर बदलाव को दुनिया के सामने रखती है। नेहा का मानना है कि समाज के लिए अनपढ़ रहना सबसे बड़ा कलंक है।