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नौकरी के नाम पर मानव तस्करी की कोशिश नाकाम, गुवा पुलिस और रेल पुलिस की तत्परता से एक नाबालिग लड़की रेस्क्यू

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मानव तस्करी के एक बड़े प्रयास को गुवा थाना पुलिस और टाटानगर रेल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने विफल कर दिया। नौकरी का झांसा देकर चेन्नई ले जाई जा रही नुईया गांव की नाबालिग लड़की को टाटानगर रेलवे स्टेशन से मुक्त करा लिया गया है परिजनों को सौंपे जाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। गुवा थाना क्षेत्र के नुईया गांव के लक्सरा टोला निवासी सुकराम तिरिया की 16 वर्षीय बेटी को नोवामुंडी निवासी एक महिला नौकरी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर गुवा टाटा पैसेंजर ट्रेन से टाटानगर ले गई। महिला पहले से गांव में आती-जाती थी और एक स्थानीय बहू से उसकी नजदीकी बताई जा रही है, जिसके कारण परिवारों में उस पर भरोसा था। उसी महिला के साथ गांव की दो अन्य लड़कियां भी ट्रेन में सवार थीं। लेकिन बड़ाजामदा स्टेशन पहुंचने पर उन्हें महिला की बातों पर संदेह हुआ और वे सतर्क होकर वहीं ट्रेन से उतर गईं। घर लौटने के बाद उन्होंने परिजनों को पूरी बात बताई, जिससे स्थिति की गंभीरता सामने आई। घटना की जानकारी जेएसएलपीएस जेंडर सीआरपी गीता देवी एवं पीएलभी दिल बहादुर को मिलते ही नाबालिक लड़की के पिता को लेकर gua थाना पहुंचे और गुवा थाना प्रभारी ने तत्परता दिखाते हुए नोवामुंडी पुलिस से संपर्क साधा और तुरंत टाटानगर रेल पुलिस को अलर्ट किया। इसके बाद टाटानगर स्टेशन पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया। टाटानगर स्टेशन पर पहुंची महिला के साथ नाबालिग लड़कि पाई गईं। महिला से पूछताछ में पता चला कि वह इन्हें तमिलनाडु ले जाकर घरेलू काम या होटल में नौकरी दिलाने की बात कह रही थी। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि मामला सुनियोजित मानव तस्करी का है। पुलिस ने नाबालिग को बाल संरक्षण समिति के माध्यम से उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं महिला तस्कर को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है कि अब तक वह कितनी लड़कियों को बाहर भेज चुकी है और इसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या नहीं। घटना के सामने आने के बाद नुईया और नोवामुंडी क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच चिंता और आक्रोश का माहौल है। लोगों ने पुलिस से मांग की है कि ऐसे मानव तस्करी रैकेट को जड़ से खत्म किया जाए और महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
कोल्हान क्षेत्र के सुदूरवर्ती आदिवासी गांवों से बच्चियों को झांसा देकर बाहर ले जाने और उनका शोषण करने की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। झारखंड के ग्रामीण इलाकों से दिल्ली, चेन्नई, मुंबई , तमिलनाडु जैसे शहरों में घरेलू काम या होटल-रेस्टोरेंट में नौकरी दिलाने के नाम पर मानव तस्करी के नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय हैं। गुवा थाना प्रभारी ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति नौकरी या बेहतर भविष्य का झांसा देकर बच्चों को ले जाने की कोशिश करता है तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें। प्रशासन ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्रवाई कर रहा है।

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