
नोवामुंडी, 25 जून (बुधवार) को नोवामुंडी कॉलेज में भूमि दाता स्वर्गीय विक्रम सुरेन की 87वीं जयंती प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास की अध्यक्षता में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर प्राचार्य ने विक्रम सुरेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।कॉलेज के शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे और उन्होंने भी प्रतिमा के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित किए।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने कहा कि स्वर्गीय विक्रम सुरेन केवल भूमि दाता नहीं थे, बल्कि शिक्षा प्रेमी और दूरदर्शी समाजसेवी थे। उनके द्वारा दान की गई भूमि पर स्थापित यह कॉलेज आज क्षेत्र के शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित हो चुका है।
उन्होंने कहा कि घने जंगल और पहाड़ियों से घिरे इस आदिवासी क्षेत्र में आज 80 प्रतिशत छात्र-छात्राएं आदिवासी जनजाति समुदाय से आते हैं। ऐसे में यह कॉलेज निर्धन आदिवासी समाज के लिए एक वरदान स्वरूप है, जहाँ से वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को नई दिशा दे रहे हैं।

प्राचार्य ने कहा कि आज उनके सुपुत्र श्री पाण्डु सुरेन अपने स्वर्गीय पिता विक्रम सोरेन के पदचिन्हों पर चलकर नोवामुंडी कॉलेज प्रबंधन समिति के सक्रिय सदस्य के रूप में सराहनीय योगदान दे रहे हैं, जो इस संस्थान के निरंतर विकास और सामाजिक उत्थान में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने सभी शिक्षकों व कर्मियों से कहा कि वे इस शिक्षण संस्थान को एक आदर्श संस्थान के रूप में स्थापित करने में

सहयोग दें — यही स्वर्गीय सुरेन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य सहित डॉ. मुकेश कुमार सिंह, प्रो साबिद हुसैन , प्रो. कुलजिन्दर सिंह, प्रो. धनीराम महतो, प्रो. नरेश कुमार पान,प्रो. प्रो. भवानी कुमारी, तन्मय मंडल, दयानिधि प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, रामबहादुर चौधरी, गुरुचरण बालमुचू, अनिमेष बिरुली,प्रमिला देवी, सुखराम सुरेन,कानू लोहार, मंगडू लोहार, वेणुधर गौड़, जानकी करवा, सुब्रतो डे आदि उपस्थित थे।