Latest Posts

नोवामुंडी महाविद्यालय – शनिवार को नोवामुंडी महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ मनोजित विश्वास की अध्यक्षता में 144 वाँ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

Spread the love

कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य द्वारा दीप प्रज्वलन कर महिला शिक्षिकाओं एवं महिला शिक्षकेत्तर कर्मियों सम्मान के प्रतीक के रूप में आकर्षक उपहार भेंट कर की गई। प्राचार्य की इस आत्मीय स्नेहपूर्ण पहल भावना ने महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण और समानता की भावना को और अधिक सशक्त किया।
इस अवसर पर साहित्य प्रेमी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोजित विश्वास ने ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ कविता का भाव स्पष्ट करते हुए कहा कि जीत और हार सिर्फ मन की स्थिति पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि नारियां खुद को सबल और सशक्त मानते हुए हर कर्म क्षेत्र पर आगे बढ़े तब ही उनका विकास सम्भव है।उन्होंने अपने प्रेरणास्पद संबोधन में कहा कि यदि हम किसी समाज को सशक्त और मजबूत बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें महिलाओं सशक्त बनाना होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को उनके अधिकार, शिक्षा, रोजगार और स्वतंत्रता प्रदान करना आवश्यक है,ताकि वे अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जी सकें और समाज के विकास में समान रूप से योगदान दे सकें। उन्होंने महिलाओं को समाज की रीढ़ बतलाते हुए कहा कि महिलाएँ न केवल मार्गदर्शक होती है, बल्कि एक सशक्त नेतृत्वकर्ता के रूप में हमारे जीवन को संवारती है। उनके योगदान के बिना समाज की उन्नति अधूरी है। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में घरेलू हिंसा, लैंगिक भेदभाव, शिक्षा में असमानता, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियां मौजूद हैं,जो महिलाओं के प्रगति में बाधक बन रही है।
उन्होंने सास, बहुओं और ननद की मर्यादित रिश्तों पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि इनके बीच मधुर संबंध हो तो घर स्वर्ग बन सकता है। कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिस पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षिकाओं में भवानी कुमारी,प्रतिभा सोमकुंवर,लक्ष्मी मोदक, शान्ति पुरती, सुमन चातोम्बा,मंजू लता सिंकू ने गंभीरता पूर्वक अपनी भावनाओं व्यक्त किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर पीएन महतो, डॉ मुकेश कुमार सिंह, साबिद हुसैन ,कुलजिंदर सिंह, धनी राम महतो, दिवाकर गोप, राजकरण यादव, तन्मय मंडल, संतोष पाठक, नरेश कुमार पान, दयानिधि प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, राम बहादुर चौधरी, गुरु चरण बालमुचू , अनिमेष बिरूली आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!