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पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर नोवामुण्डी में संपन्न हुआ संत रविदास जयंती
पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर मां मंदिर में भैया बहनों द्वारा संत रविदास जयंती मनाई गई। वंदना सभा में गुरु मां द्वारा संत रविदास जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलंकर माला अर्पण किया गया बहनों ने एक मधुर भजन सभी भैया बहनों के सम्मुख प्रस्तुत किया बहन के द्वारा संत रविदास जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया। स्थानीय विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा पालित गुरु मां ने सभी भैया बहनों को संबोधित करते हुए संत रविदास जी के बारे में बताया कि वे ऐसे राज्य की कल्पना किया करते थे जहां जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव न हो। रविदास ने 7 वर्ष के अल्पायु में अपने शिक्षा पूर्ण करके आध्यात्मिक कार्य में लग गए उन्होंने मनुष्य से मानवता धर्म अपनाने को कहा एवं उन्होंने कहा कि अनुशासन और संस्कार हमें एक सफल नागरिक बनाता है। ‘मन चंगा तो कटौती में गंगा’ की कहावत संत रविदास जी की ही कहावत है जिस प्रकार से रविदास जी ने गंगा स्नान के आगे अपने कर्म को अधिक महत्व दिया उसी प्रकार अगर भैया बहन मन लगाकर पढ़े और ईमानदारी से मेहनत करें तो उन्हें जीवन में अवश्य सफलता प्राप्त होगी। जयंती के शुभ अवसर पर सभी आचार्य दे दीजिए एवं भैया बहन उपस्थित थे।