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कांड्रा बांधकुली निवासी पर्यावरण प्रेमी गौतम गोराई ने छत पर ही बना लिया बगीचा, सब्जी और फूल आकर्षण का केंद्र ,मिल रही है बधाइयां,आप भी देखें:VIDEO

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बगीचे तो आपने कई देखें होंगे लेकिन क्या मकान की छत पर बगीचा देखा है। जमीन नहीं है तो क्या हुआ पर्यावरण का प्रेम पूरा करने के लिए छत ही काफी है। कुछ इसी सोच के साथ कांड्रा बांधकुली निवासी गौतम गोराई ने अपने दो मंजिले घर की छत को ही खेत के रूप में तब्दील कर दिया है। उस पर आयुर्वेदिक पौधे लगाने के अलावा सब्जी व फल फूल की भी खेती की है।

छत पर सीमेंट का गमला बनाकर उसमें फल व फूल को उगाकर उन्होंने एक मिसाल कायम कर दी है। आसपास के लोगों भी इस बगीचे को देखने के लिए पहुंचते रहते हैं। इस कड़े संघर्ष में गौतम गोराई के पत्नी व बच्चे भी भरपूर साथ देते हैं।


कांड्रा बाँधकुली निवासी गौतम गोराई को बचपन से ही पेड़ पौधों से काफी लगाव है। छोटे पर वे प्लास्टिक की बोतलों में तरह-तरह के पौधे लगाते रहते थे। पर्यावरण के प्रति दिन प्रतिदिन इनका प्रेम बढ़ता ही चला गया। पिछले कई साल से वे छत पर और घर के आंगन में फल, फूल व सब्जी की खेती कर रहे हैं। छत पर खेती करने के लिए सीमेंट के गमले बनवाए और प्लास्टिक के ड्रम को काटकर उसमें मिट्टी डाली। इसके बाद उन्होंने फल-फूल लगाया। इसके अलावा


सीजनल फ्लावर्स में गुलदावदी,डालिया,केलुन्डुआ,अफ्रीकन गेंदा,पिटोनिया,एम्प्रेसन, सब्जी में बन्दा कोभी,बैगन,बीम,शिमला मिर्च,धनिया,मूली,हरा साग,पालग साग, सैकड़ो की संख्या में फॉलोअर्स और आलिया की सब्जी उन्होंने अपनी छत के ऊपर में ही लगाई है जो देखने लायक है पौधों की देखभाल के लिए वे प्रतिदिन दो से तीन घंटे का समय देते हैं। पौधों में पानी देने के साथ ही दवा का छिड़काव करते हैं। गौतम गोराई ने बताया कि इसके दो फायदे हैं एक तो पर्यावरण संरक्षित रहेगा और फल फूल भी मिलेंगे। छत पर बना पार्क है आकर्षण का केंद्र है

घर के आँगन पर ही एक आधुनिक पार्क

पर्यावरण प्रेमी गौतम गोराई
आँगन पर ही एक आधुनिक पार्क पार्क बनाए है जो आकर्षण का केंद्र हैं वह बताते हैं कि वैसे तो अपने उद्यान को रोज दो तीन घंटे का समय देते है और जब कभी कभी रोजमर्रा की जिदगी से ऊब जाते हैं तो इसी उद्यान मे बैठकर प्रकृति और पर्यावरण का आनंद लेकर टेंशन मुक्त हो जाते हैं। अलग ही मजा देती है गौतम गोराई कहते हैं कि यदि आप चाहें तो अपने कम से कम चार सदस्यीय परिवार के लिए गमले में ही सब्जी उगा सकते हैं। वे बताते हैं कि घर के पुराने डिब्बे में मिट्टी भरकर हम धनिया का पत्ता उतना तो उगा ही सकते हैं जितना हमारे प्लेट के लिए चाहिए। इसके अलावा हरी मिर्च और नींबू तो आराम से गमले में उगाया जा सकता है। वह कहते हैं कि गमले में किसानी करने का एक अलग ही आनंद है। उनका मानना है कि इससे हम प्रकृति के और नजदीक पहुंचे हैं।

घर मे आसानी से उगाई जा सकती सब्जी

गौतम गोराई कहते हैं कि थर्मोकॉल के डिब्बों में कोई भी सब्जी आराम से उगाई जा सकती है। करेला हो या फिर पपीता या फिर भिंडी या गोभी, हर कुछ हम अपने छत या बालकनी में उगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बस ध्यान यही रखना है कि उस जगह तक धूप पहुंचती हो। उनका कहना है कि इस तरह की खेती में लागत कुछ भी नहीं है। उन्होंने बताया कि 20 रुपये तक में एक थर्मोकॉल का बड़ा डिब्बा किसी दवाई दुकान में मिल जाता है और फिर में उसमें मिट्टी डालकर कोई भी सब्जी का पौधा लगा सकते हैं या फिर कोई फल का पौधा भी लगा सकते हैं। उनका कहना है कि बस यह ध्यान रखना चाहिए कि साल में एक बार उस गमले की मिट्टी बदल दी जाए।

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