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उत्कृष्ट है सोच द्वारा है मोक्ष विषय पर काव्य गोष्ठी का किया गया आयोजन

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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच पर उत्कृष्ट है सोच, द्वार है मोक्ष विषय पर दोपहर 1:00 बजे से 3:30 तक आयोजित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। नेतृत्व अध्यक्ष श्री महेश प्रसाद शर्मा और माला सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि‌ उर्मिला कुमारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रतिराम गढ़ेवाल उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में अनुभवी साहित्यकारों और रचनाकारों में अपनी सहभागिता दिखाई और अपने उत्कृष्ट विचारों और रचनाओं से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। सभी साहित्यकारों की रचनाओं का मोक्ष विषय पर सार यही था कि मोक्ष एक दार्शनिक शब्द है जिसका अर्थ गलत विचारों, आदतों और किसी भी चीज की लालसा से मुक्ति पाना है। जब मानव सभी विकारों एवं मोह-माया के जाल से परे होकर उत्कृष्ट सोच एवं उत्कृष्ट कर्म करते हुए अपनी पवित्र आत्मा से साक्षात्कार करता है तो परमसत्ता को अपने जीवन काल में ही महसूस कर लेता है। वही मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए हमारा चिंतन है, उत्कृष्ट है सोच, द्वार है मोक्ष क्योंकि आत्मा का परमात्मा से मिलन है मोक्ष के मार्ग में ले जाती है। इस कार्यक्रम का आयोजन श्री सुनील कुमार पाठक के देखरेख में हुआऔर इस कार्यक्रम का मंच संचालन सुनंदा गावंडे ने किया। अंत में कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी ने मोक्ष की सही परिभाषा को जाना और भविष्य में अपने द्वारा किए गए कार्यों को सही तरीके से करने का संकल्प किया।

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