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एमडीए आईडीए कार्यक्रम के तहत आज नोआमुंडी प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का किया गया उदघाटन

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एमडीए आईडीए कार्यक्रम के तहत आज नोआमुंडी प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।कार्यक्रम के उद्घाटन से पहले सभी मुख्य अतिथियो को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीडीओ अनूज बांडों ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है इसे ही हाथी पाव के नाम से भी जाना जाता है और यह बीमारी आम तौर पर मच्छर के काटने पर होता है और यह दुसरी सबसे ज्यादा विकलांग और कुरूपता करने वाली बीमारी है

और इसका बचाव दवा से ही किया जा सकता है इसलिए 10 अगस्त से 25 अगस्त तक चलने वाले एमडीए आईडीए कार्यक्रम के तहत सभी लोगो को दवा खिलाई जाएगी इसलिए हम सभी को इस बीमारी से बचना है तो दवा जरूर खाना होगा। इसलिए आज इस कार्यक्रम में सभी मुख्य अतिथियों को दवा का सेवन कराया गया और सभी मुख्य अतिथि के द्वारा फाइलेरिया रोग से ग्रसित लोगो के बीच साफ सफाई और उनके उचित देखभाल के लिए एमएमडीपी कीट का वितरण किया गया। डॉक्टर हरिंद्र सिंह मुंडा ने जानकारी दी की आईडीए और एमडीए दवा की खुराक ऊंचाई नाप कर ही दिया जाएगा और साल में सिर्फ एक बार ही इस दवा का सेवन करना है दो साल के छोटे छोटे बच्चे, गर्भवती महिला,और गंभीर रूप से बीमार लोगो को ये दवा नहीं खिलाना है कुछ लोगो पर दवा खाने से मामूली प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है जैसे सर दर्द,उल्टी, चक्कर, बुखार, दस्त,हो सकता है पर इससे घबराने की नही बल्कि खुश होने की जरूरत है क्यों की आपके शरीर के अंदर के कीड़े फाइलेरिया रोधी दवा खाने से मर रहे है आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से नोआमुंडी प्रखण्ड प्रमुख पूनम गिलुवा, नोआमुंडी अंचल अधिकारी मनोज कुमार,बीडीओ अनूज बांडों, चिकत्सा पदाधिकारि हरेंद्र सिंह मुंडा,जेएमएम जिला सह सचिव इजहार राही, मानकी सुरेंद्र चतोंबा,अंचल के सी आई बिनोद कुमार, पंचायत सचिव जेवा निकहत, आंगन बाड़ी सेविका जयंती बरजो, स्वास्थ विभाग के निगरानी निरीक्षक चिंता मनी गोप, सी एच ओ मेरी केरकेटा, कांता किड्डो, एनएम तूलिका कुमारी, रिंकू कुमारी,हेलन कुजूर, मरियाना टोपनो, स्ली स्टीना नाग, असरिता बरजो एमपीडब्ल्यू विकाश पार्ट पिंगुवा और काफी संख्या मैं ग्रामीण उपास्थित थे

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