
नोआमुंडी प्रखंड कार्यालय सभागार में फाइलेरिया (हाथी पाव) रोग उन्मूलन हेतु एमडीए और आईडीए कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर प्रभारी चिकत्सा पदाधिकरी बड़ाजामदा डॉक्टर हरेंद्र सिंह मुंडा की अध्यक्षता में प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया कार्यक्रम में सेबिकाओं को संबोधित करते हुए डाक्टर हरेंद्र सिंह मुंडा ने कहा की फाइलेरिया को आम तौर पर हाथी पाव के नाम से जाना जाता है और यह बीमारी मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया विश्व की दूसरी सबसे ज्यादा दिव्यंका ता और कुरूपता कराने वाली बीमारी हैं यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है और इसका संक्रमण अधिकतर बचपन मैं ही हो जाता हैऔर बीमारी का पता चलने में 5 से 15 साल लग जाता हैं और झारखंड में रहने वाले सभी लोगो को इस बीमारी का होने का खतरा और इस बीमारी से बचाव बहुत ही आसान हैं और वो है साल में एक बार फाइलेरिया की दवा का सेवन फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 10अगस्त से 25 अगस्त तक चलाया जाएगा पहला दिन 10 अगस्त को बूथ मैं

दवा खिलाई जाएगी और उसके बाद डोर टू डोर 11 अगस्त से 25 अगस्त तक ये कार्य क्रम चलेगा डाक्टर नागमणि बेहरा ने बताया कि दवा खाने से कुछ लोगो पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है जैसे सर दर्द,उल्टी, चक्कर, बुखार और दस्त पर इससे घबराने की जरूर नही है बल्कि खुश होने की जरूरत है क्यों की आपके शरीर के अंदर फाइलेरिया के कीड़े दवा खाने से मर रहे हैं आज के इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से बीडीओ अनुज बांडों, डाक्टर हरेन्द्र सिंह मुंडा, डाक्टर नागमणि बेहरा, निगरानी निरीक्षक चिंतामणि गोप, बीडीएम हमजा तोहिद, एमपीडब्ल्यू लखन हांसदा, लखींद्र सुरेन,विष्णु सरदार,ठाकुर दास, पात्रों जी, तूलिका कुमारी एनएम, शकुंतला बांकिरा,और प्रखंड के आंगन बाड़ी केन्द्र से आए सभी आंगनबाड़ी सेविका मौजूद थी