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निशान सिंह ने सीजीपीसी पर सवाल दागे सवाल, बिना अरदास और बिना पंज प्यारे के गाड़ी कैसे निकली मैदान से बाहर

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निशान सिंह ने फिर घेरा सीजीपीसी को कहा- सरासर झूठ बोल रहें हैं भगवान सिंह, उन्होंने किया है कि सिख मर्यादा का हनन

जमशेदपुर। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, साकची के प्रधान सरदार निशान सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान भगवान सिंह पर सिख मर्यादा का हनन करने और संगत को गुमराह करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। धार्मिक भावनाओं और सिख परंपराओं को केंद्र में रखते हुए निशान सिंह ने भगवान सिंह के कार्यों पर कई गंभीर सवाल उठाए, जिससे स्थानीय सिख समुदाय में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।


निशान सिंह ने भगवान सिंह पर आरोप लगाया कि वे प्रधानगी की आड़ में सिख मर्यादा का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों भगवान सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी साहिब की गाड़ी को बिना अरदास और पंच प्यारों की उपस्थिति के बिना मैदान से बाहर निकाला? निशान सिंह ने तीखे शब्दों में कहा, “भगवान सिंह अपने आपको पंथिक कहते हैं, लेकिन क्या उन्हें यह नहीं पता कि पालकी साहिब में शहीद बाबा दीप सिंह जी की हस्तलिखित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान हैं? बिना पंच प्यारों और अरदास के गाड़ी को एक इंच भी आगे बढ़ाना मर्यादा का घोर उल्लंघन है।”
निशान सिंह ने आगे पूछा कि क्या भगवान सिंह स्वयं पालकी साहिब की गाड़ी के ड्राइवर थे, जो जूते पहनकर स्टेयरिंग पर बैठ गए, जबकि सेवा में लगे लोग नंगे पैर सड़क पर चल रहे थे? उन्होंने कहा, कि यह सिख मर्यादा और गुरु साहिब के प्रति श्रद्धा का अपमान है। भगवान सिंह जूते पहनकर पवित्र पालकी साहिब की गाड़ी में क्यों चढ़ गए? निशान सिंह ने भगवान सिंह द्वारा साकची कमेटी पर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया। निशान सिंह ने दावा किया कि भगवान सिंह की पोल खुल चुकी है और वे अपनी गलतियों को छिपाने के लिए संगत को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि घटना के समय ज्ञानी दिलीप सिंह और तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह साकची कमेटी के कार्यालय में मौजूद थे, जबकि पंच प्यारे और निशानची साहिब लंगर छक रहे थे। ऐसे में बिना मर्यादा के पालकी साहिब की गाड़ी को बाहर निकालने का निर्णय भगवान सिंह ने स्वयं लिया, जिसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं।
निशान सिंह ने भगवान सिंह पर संगत के बीच हंगामा करवाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने पूछा कि भगवान सिंह उन लड़कों को क्यों और किसके कहने पर लाए, जो हंगामा कर रहे थे और कीर्तन कर रही संगत के साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे?”
उन्होंने बताया कि सरदार गुरमीत सिंह और नौजवान सभा के प्रधान अमरीक सिंह ने भी हंगामा कर रहे लड़कों को शांत करने की कोशिश की थी। निशान सिंह ने खजान सिंह पर हीरा सिंह के खिलाफ हिंसा के आरोप को भी निराधार बताया और कहा, यदि कोई सबूत है तो भगवान सिंह पेश करें। खजान सिंह और अन्य लोगों का नाम प्राथमिकी में जानबूझकर शामिल किया गया है, क्योंकि भगवान सिंह साकची कमेटी को मानते ही नहीं।
निशान सिंह ने भगवान सिंह से यह भी पूछा कि पालकी साहिब की गाड़ी को टोचन करके गैरेज ले जाने की बात क्यों कही गयी? निशान सिंह ने कहा, यदि भगवान सिंह ने क्लच प्लेट या मिस्त्री के चार्ज का भुगतान किया है, तो साकची कमेटी उसका भुगतान करने को तैयार है। लेकिन सवाल यह है कि पवित्र पालकी साहिब को टोचन कर गैरेज ले जाने की बात क्यों कही गई।
यह विवाद जमशेदपुर में सिख समुदाय के लिए गहरी चिंता का विषय बन गया है। निशान सिंह ने कहा कि भगवान सिंह के कार्यों ने न केवल सिख मर्यादा का उल्लंघन किया, बल्कि संगत के बीच अविश्वास और आक्रोश को भी जन्म दिया।
यह मामला अब सिख समुदाय और स्थानीय प्रशासन के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है। निशान सिंह ने साफ किया कि साकची कमेटी सिख मर्यादा और गुरु साहिब के प्रति अपनी श्रद्धा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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