
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. विश्वास ने कहा कि दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जमीन से जुड़े हुए नेता थे। उनके अथक प्रयासों के कारण ही झारखंड एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। वे जीवन भर आदिवासियों, दलितों और गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे। झारखंड का आदिवासी समाज उन्हें भगवान के रूप में मानता है।
उन्होंने कहा कि इस दुखद घड़ी में ईश्वर उनके शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करे।
इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में प्रो. साबिद हुसैन, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, दिवाकर गोप, राजकरण यादव, कुलजिंदर सिंह, नरेश कुमार पान , धनीराम राम महतो,संतोष कुमार पाठक ,तन्मय मंडल , डॉ क्रांति प्रकाश, लक्ष्मी मोदक, शान्ति पुरती ,हीरा चातोम्बा ,सुमन चातोम्बा , प्रतिभा सोमकुंवर टीकाराम, मंजू लता, दयानिधि प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, रामबहादुर चौधरी, गुरु चरण बालमुचू ,अनिमेष बिरूली आदि उपस्थित थे।