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नई दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में जमशेदपुरवासी पर्यावरणविद विनीता परमार की नई पुस्तक “धरती का न्याय” का लोकार्पण हुआ, जिसमें सह लेखक कुशाग्र, पर्यावरणीय साहित्य की अध्येता मनीषा कुलश्रेष्ठ के साथ वरिष्ठ साहित्यकार यादवेन्द्र, साहित्यकार और अध्येता देवेंद्र चौबे, वनजीव विशेषज्ञ समीर कुमार सिन्हा के साथ इंदिरा गाँधी बालिका विद्यालय हजारीबाग की पूर्ववर्ती छात्रायें लता कुमारी, रंजना सिंह, कंचन मिश्रा, निभा कुमारी, नीतू कुमारी, डॉक्टर सुरूपा आदि उपस्थित रहे।
“धरती का न्याय” पुस्तक पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे ज्वलंत मुद्दे की जटिलता और गंभीरता को आमजन तक पहुंचाने और उनकी भूमिका को रेखांकित करने का एक जरूरी प्रयास है। यह पुस्तक पर्यावरणीय सरोकारों को सरल, व्यावहारिक और व्यापक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करती है ताकि हर वर्ग, खास कर हिंदी पट्टी के असंख्य लोग के बीच प्रकृति के लिए विमर्श हो सके।
प्रतियोगी परीक्षा खास कर केंद्रीय और राज्य लोक सेवा (सिविल सर्विस) की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह ‘जरूर पढ़े” पुस्तक है जो ना सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा के लिए बल्कि लेख और साक्षात्कार के लिए भी पठनीय है।
यह पुस्तक सेतु प्रकाशन के वेबसाइट के साथ आमेज़न और झारखंड के विभिन्न पुस्तक भंडारों में उपलब्ध हैं।