
आस्तिक महतो ने कहा कि गत वर्ष लगभग 200 से अधिक टीम पहुँची थी, उम्मीद है कि इस बार और अधिक टीम पहुँचेगी। उन्होंने अन्य समाज के लोगों को भी मेला में आकर अपनी संस्कृति व कला को प्रदर्शित करने का आमंत्रित किया।

कहा कि अन्य प्रदेश के लोग भी आएं और झारखंड की संस्कृति को नजदीक से देखें। साथ ही युवाओं से उन्होंने अपनी संस्कृति व धरोहर को बचाने की अपील की।
टुसू प्रतिमा का पुरस्कार
प्रथम-31 हजार
द्वितीय-25 हजाार
तृतीय-20 हजार
चतुर्थ-15 हजार
पंचम-11 हजार
छठा-7 हजार
सातवां-5 हजार रु
चौड़ल का पुरस्कार
प्रथम-25 हजाार
द्वितीय-20 हजार
तृतीय-15 हजार
चतुर्थ-5 हजार रु
बुढ़ी गाड़ी नाच का पुरस्कार प्रथम-15 हजार
द्वितीय-11 हजार
तृतीय-7 हजार
चतुर्थ-5 हजार।