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गया। विष्णुपद मंदिर में 86 वर्षों से चली आ रही राम विवाह की परंपरा आज भी जीवंत है। शुक्रवार की देर रात मंगल गीतों व शहनाई की धुन से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। मौका था विवाह पंचमी पर श्री राम विवाह महोत्सव का। शादी समारोह में महिलाएं जब विवाह गीत गाई तो मंदिर परिसर का माहौल श्रीराममय हो गया।गीत- संगीत के बीच शादी हुई और जनक नंदिनी माता सीता अयोध्या नरेश भगवान श्री राम की हो गई। श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के बैनर तले आयोजित चार दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन मंदिर के सभा मंडप में धूमधाम व विधि विधान के साथ भगवान श्री राम के साथ ही लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का विवाह हुआ। इसमें वर- वधू पक्ष से भारी संख्या में ब्राह्मण शामिल हुए। विवाह के लिए विष्णु पद मंदिर को रंग बिरंगे कृत्रिम झालरों से दुल्हन की तरह सजाया गया था। शाम होते ही मंदिर रोशनी से जगमग हो उठा।सभा मंडप में फूलों का आकर्षक विवाह मंडप बनाए गए थे। इसमें चार रामायण रखकर विवाह की रस्म के साथ-साथ पूजा अर्चना की गई।