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विश्व आदिवासी दिवस के पूर्व संध्या पर गदरा के आदिवासी समाज के लोगों के बीच किया गया फ़लदार पौधे का वितरण ,जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव-जंतु को अपने परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं:सुनील आनंद

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जमशेदपुर : विश्व आदिवासी दिवस के पूर्व संध्या पर गदरा के आदिवासी समाज के लोगों के बीच दो दिवसीय पौधा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।आज प्रथम दिन साल, सागवान एवं फ़लदार पौधे का वितरण किया गया। गदरा एवं उसके आसपास के गांव के आदिवासी समाज के लोगों के बीच प्राकृतिक संरक्षण के लिए आदिवासी दिवस के अवसर पर बीज बॉल बनाकर बीज बॉल बनाने की पद्धति बताई गई एवं उन लोगों के बीच बीज बोल भी दिया गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प भी दिलाया गया।आदिवासी समाज ही एक ऐसा समाज है जो कि पेड़ पौधे को परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार करते हैं। प्राकृतिक को वे भगवान मानते हैं सही प्राकृतिक प्रेमी आदिवासी ही है lआनंद मार्ग के सुनील आनंद का कहना है कि जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव-जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है।

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